जिस पल का नीतीश कुमार को इंतजार था वह अब आ गया, नीतीश कुमार एक बार फिर से बिहार में सत्ता में बने रहेंगे. सोमवार को बिहार विधानसभा में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन अपने फ्लोर टेस्ट में पास रहा.
जिस खेल की चर्चा पूरे देश में हो रही थी वह आज नहीं हो पाया. कहा जा रहा था कि आज बिहार विधानसभा में तेजस्वी यादव की पार्टी खेल कर देगी यानी एनडीए को पलट कर राजद अपनी सरकार बना लेगी. लेकिन बहुमत नीतीश कुमार के पक्ष में रहा. सदन में एनडीए के पक्ष में 129 वोट पड़े, इसके बाद विपक्ष ने वर्कआउट कर दिया, बहुमत का आंकड़ा 122 था. वहीं विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा. एनडीए गठबंधन ने फ्लोर टेस्ट में अपना बहुमत साबित कर तेजस्वी यादव को बड़ा झटका दिया है.
आज विधानसभा कार्यवाही में सबसे पहले स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को पद से हटाने का अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जिसे सरकार ने पारित करा लिया. अविश्वास प्रस्ताव में भी पक्ष में 125 वोट पड़े, वहीं विपक्ष की तरफ से 112 वोट पड़े थे. राजद ने उसके बाद क्रॉस वोटिंग भी कराई थी, जिसमें भाजपा और जदयू के कुछ विधायक शामिल नहीं हुए थे. एनडीए की ओर से पड़े 125 वोट से यह साफ हो गया था कि नीतीश कुमार के पास बहुमत है और अब विश्वास मत महज एक औपचारिकता ही है. आज सदन का संचालक उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने किया.
सदन की कार्रवाई शुरू होते ही राजद के तीन विधायकों ने पार्टी को झटका दिया था. राजद कोटे से तीन विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रहलाद यादव सदन की कार्रवाई में एनडीए खेमे के साथ बैठे हुए नजर आए.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि खरीदने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन यह कोशिश सफल नहीं हो पाई. वही विश्वास प्रस्ताव के बाद जब सीएम संबोधन के लिए खड़े हुए हैं तो राजद विधायकों ने भारी हंगामा शुरू कर दिया. जिससे सीएम गुस्सा गए और उन्होंने कहा यह लोग मुझे बोलते नहीं देना चाहते हैं, वोटिंग कराई जाए.
राजद, कांग्रेस ने वोटिंग से वॉक आउट कर दिया, जिसके बाद सदन से बाहर निकले कांग्रेस विधायक नेता शकील अहमद खान ने कहा कि ऐसा भी मौका होता है जब जीत में भी हार नजर आती है. भले ही नीतीश कुमार जीत गए हैं, लेकिन उनकी निगाहें शर्म से झुकी हुई है. एनडीए की सरकार केवल विरोधाभास से भरी हुई है.
आज के फ्लोर टेस्ट में पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की नाराजगी नीतीश कुमार से साफ झलक रही थी. तेजस्वी यादव ने आज जमकर नीतीश कुमार के खिलाफ अपनी भड़ास निकाली. सदन में उन्होंने कहा कि सबसे पहले हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद देना चाहते हैं कि लगातार नौ बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर इतिहास रच दिया. नौ बार तो शपथ ली ही लेकिन एक ही टर्म में उन्होंने तीन-तीन बार शपथ ली है. हमने ऐसा अद्भुत नजारा पहले कभी नहीं देखा है. मैंने नीतीश कुमार को हमेशा दशरथ माना था, पता नहीं किन कारणों से उन्हें महागठबंधन छोड़ना पड़ा.