बिहार में 26 फरवरी से नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा का आयोजन होने वाला है. सक्षमता परीक्षा को लेकर शिक्षा विभाग और शिक्षक संघ एक दूसरे के सामने आ चुका है. दोनों के बीच में अभी नोकझोंक का सिलसिला चल ही रहा है, इसी बीच 4 लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने वाली परीक्षा के पहले शिक्षा विभाग ने पत्र जारी किया है.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के तरफ से जारी हुए पत्र में सक्षमता परीक्षा में शामिल होने वाले शिक्षकों को खुशी मिलने वाली है. केके पाठक ने जिला पदाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में शिक्षकों से संबंधित रेशनलाइज प्रस्ताव अनिवार्य तौर पर 29 फरवरी तक विभाग को उपलब्ध कराया जाए.
पत्र में आगे कहा गया है कि बीपीएससी के दो चरणों टियर-1 और टियर-2 में लगभग दो लाख शिक्षकों की नियुक्ति राज्य में कराई गई थी, जिसमें से 35 हजार ऐसे भी शिक्षक थे जो पहले से राज्य में नियोजित शिक्षक थे. इन नियोजित शिक्षकों के बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में चयनित होने के कारण कई जिलों के विद्यालयों में रिक्तियां हो गई है. दरअसल दोनों चरणों में चयनित शिक्षकों की पोस्टिंग केवल ग्रामीण इलाकों में कराई गई थी, जिसकी वजह से शहरी इलाकों के कई विद्यालयों में शिक्षकों की रिक्तियां हो गई है. शहरी इलाकों के जिन स्कूलों में शिक्षक पहले से पढ़ा रहे थे वह भी बीपीएससी की परीक्षा के बाद से ग्रामीण इलाकों में पढ़ाने चले गए, जिससे रिक्तियां हो गई. इसी को ध्यान में रखते हुए अब शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में भी शिक्षकों की नियुक्तियां की जाएगी.
केके पाठक ने आदेश दिया है कि सभी दम अपने जिले के शहरी स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता का आकलन कर शिक्षा विभाग को बताएं. आकलन में यह भी ध्यान रखने के लिए बताया गया है कि छात्रों के नामांकन के हिसाब को ध्यान में रखा जाए. इसके साथ ही माध्यमिक, उच्च-माध्यमिक विद्यालय में हर विषय का शिक्षक विद्यालय में उपलब्ध हो, चाहे नामांकन की संख्या कितनी भी हो. पत्र में केके पाठक ने साफ तौर पर यह कह दिया है की सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले शिक्षकों को मेरिट सूची के आधार पर शहरी क्षेत्र में पदस्थापित किया जाएगा.