बिहार के शिक्षा विभाग के नए प्रभारी जब से आए हैं तब से लगातार शिक्षकों को राहत मिलती हुई नजर आ रही है. नए शिक्षा प्रभारी के कई आदेश सराहनीय बताए जा रहे हैं. इसी कड़ी में नए प्रभारी ने एक और सराहनीय आदेश जारी किया है. एसीएस एस सिद्धार्थ ने राज्य के कई विश्वविद्यालय के अकाउंट पर लगी रोक को हटाने का आदेश जारी कर दिया है. जिससे अब विश्वविद्यालय के कर्मियों का वेतन का रास्ता खुल गया है.
बुधवार को राज्यपाल के साथ हुई बैठक के बाद एस सिद्धार्थ ने यह फैसला लिया है.
बैंक खातों पर लगी रोक हटाई
प्रभारी एसीएस के आदेश के बाद अब मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय पटना, पूर्णिया विश्वविद्यालय, मुंगेर विश्वविद्यालय के सभी खातों के संचालन पर लगी रोक हट जाएगी. इसके साथ ही कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति के वेतन पर भी लगी रोक को हटाया जाएगा. शिक्षा विभाग ने केके पाठक के आदेश पर कुलपति और तमाम विश्वविद्यालय के खातों पर अगले आदेश तक रोक लगाई थी.
इस पूरे मामले पर पटना हाईकोर्ट ने पिछले महीने ही दो सप्ताह के अंदर विभाग को खाते पर लगी रोक हटाने का आदेश दिया था. इसके साथ ही कोर्ट ने स्वीकृत बजट को भी जारी करने के लिए कहा था. लेकिन पिछले एसीएस केके पाठक के दौरान यह नहीं हो सका था. नए प्रभारी एसीएस एस सिद्धार्थ(ACS S.Siddharth) ने हाईकोर्ट के इन आदेशों को बहाल किया है.
इस संबंध में शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव ने पत्र जारी किया है. पत्र में यह साफ लिखा गया है कि सभी खातों पर लगी रोक हटाई जाती है. साथ ही विश्वविद्यालय के स्थगित वेतन को भी चालू किया जाता है.
दरअसल एसीएस केके पाठक(ACS KK Pathak) और राजभवन के बीच कई दिनों से विवाद चल रहा था, जिसकी वजह से कई फैसले टाले जाते रहे हैं. 3 जून को ही केके पाठक लंबी छुट्टी पर गए हैं, जिसके बाद शिक्षा विभाग के नए एसीएस के तौर पर एस सिद्धार्थ को जिम्मेदारी दी गई है. एस सिद्धार्थ ने कुर्सी संभालने के बाद शिक्षकों और बच्चों के लिए छुट्टियां जारी करने का आदेश दिया और अब विश्वविद्यालय के खाते पर लगी रोक को हटा दिया है.