तीन दिन पहले रांची डीसी के तौर पर मंजूनाथ भजंत्री को नियुक्त किया गया. मगर उनकी नियुक्ति पर चुनाव आयोग ने सवाल खड़ा कर दिया है. आईएएस अधिकारी मंजूनाथ भजंत्री की हालिया नियुक्ति को लेकर झारखंड सरकार और चुनाव आयोग के बीच में टकराव जैसी स्थिति बन रही है. 30 सितंबर 2024 को मंजूनाथ रांची के उपायुक्त बनाए गए और 1 अक्टूबर 2024 को उन्होंने पदभार संभाला, मगर उनकी नियुक्ति से चुनाव आयोग नाराज है. आयोग ने इसे हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया है.
चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर 6 दिसंबर 2021 के आदेश का अनुपालन करने कहा है और इसके लिए 15 दिनों के अंदर कार्रवाई रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया है.
चलिए जानते हैं कि पूरा मामला असल में है क्या? दरअसल यह पूरा मामला 2021 के मधुपुर उपचुनाव से जुड़ा हुआ है. 6 दिसंबर 2021 को चुनाव आयोग ने आदेश जारी कर देवघर के तत्कालीन उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री को पद से हटाने, विभागीय कार्रवाई करने और आयोग की अनुमति के बिना किसी भी चुनाव से जुड़े पद पर पदस्थापित नहीं करने का आदेश दिया गया था. उस समय तत्कालीन उपायुक्त भजंत्री पर आयोग के वोटर टर्न आउट एप और प्रेस कॉन्फ्रेंस में अलग-अलग आंकड़ा पेश किए जाने की वजह से कार्रवाई की थी.
आचार संहिता खत्म होने के बाद सरकार ने फिर से भजंत्री को देवघर में उपयुक्त पद पर स्थापित किया. करीब 6 महीने बाद सीईओ ने आयोग को रिपोर्ट भेज कर जानकारी दी कि भजंत्री ने आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में सांसद निशिकांत दुबे खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. इस पूरे मामले पर आयोग ने भजंत्री से स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन उनकी ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिला. चुनाव आयोग ने एक बार फिर 6 दिसंबर 2021 को भजंत्री को उपायुक्त पद से हटाने और आगे चलकर किसी भी चुनाव से जुड़े कामों में बिना आयोग की अनुमति के पद स्थापित नहीं करने का आदेश दिया था. मगर चुनाव आयोग के आदेश को सरकार ने नहीं माना और यह मामला आगे बढ़ता गया. कार्मिक विभाग की ओर से चुनाव आयोग को पत्र लिखकर आदेश को वापस लेने कहा गया. पत्र में कहा गया क्योंकि चुनाव खत्म हो चुका है ऐसे में यह आदेश देने का अधिकार चुनाव आयोग के पास नहीं है.
इन मामलों के बीच भजंत्री ने आयोग के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की. सिंगल बेंच ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली और चुनाव आयोग के आदेश को रद्द कर दिया. इसके बाद चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट में अपील की और 3 सितंबर 2024 को हाईकोर्ट ने आयोग के पक्ष में फैसला सुना दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग के आदेशों का पालन करना राज्य सरकार के लिए बाध्यकारी है. हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने मंजूनाथ भजंत्री को रांची डीसी के रूप में नियुक्त कर दिया, जिसके बाद इस मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है.