18वीं लोकसभा(18th loksabha) में अध्यक्ष पद को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है. बीते दिनों से ही दोनों के बीच में अध्यक्ष पद के लिए विवाद चल रहा है, ऐसे में बात नहीं बनने पर अब स्पीकर पद के लिए चुनाव करने की घोषणा की गई है. एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों ही ओर से स्पीकर पद के लिए उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया है. एनडीए की ओर से स्पीकर पद के लिए पिछले सत्र का कार्यभार संभाल चुके ओम बिरला(Om Birla as speaker) का नाम जारी किया गया है. इसके बाद उन्होंने स्पीकर पद के लिए नामांकन भी भर दिया है. इंडिया गठबंधन की ओर से के. सुरेश को स्पीकर के लिए उम्मीदवार बनाया गया है, उन्होंने भी इस सीट के लिए नामांकन भर दिया. दोनों के नामांकन दाखिले के बाद अब बुधवार को इस पद के लिए वोटिंग होगी. जो इस चुनाव में जीतेगा वहीं लोकसभा स्पीकर की कुर्सी पर बैठेगा.
भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब स्पीकर पद के लिए चुनाव कराया जाएगा. इससे पहले हर बार पक्ष और विपक्ष की ओर से किसी एक नाम पर सहमति बनती थी और उसे ही स्पीकर बनाया जाता था. इस बार विपक्ष की मांग थी कि स्पीकर सत्ता पक्ष का हो और लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्षी पार्टी को मिले. हालांकि एनडीए ने इसे स्वीकार नहीं किया, जिसके बाद स्पीकर पद के लिए चुनाव कराए जाने का फैसला लिया गया.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस पूरे प्रकरण पर कहा कि स्पीकर किसी सत्तारूढ़ पार्टी या विपक्ष का नहीं होता वह पूरे सदन का होता है. ठीक उसी तरह उपाध्यक्ष भी किसी पार्टी या दल का नहीं पूरे सदन का होता है, लोकसभा की यही परंपरा रही है.
इसी बीच विपक्ष की ओर से सामने आए के. सुरेश के नाम पर चर्चा शुरू हो गई है. के. सुरेश कांग्रेस पार्टी के सांसद है और वह आठवीं बार जीत कर लोकसभा पहुंचे हैं. उन्हें कांग्रेस में एक दलित चेहरे के तौर पर पहचान मिली है. वह पहली बार 1989 में लोकसभा के लिए चुने गए थे, फिर 2009 से मावेलिक्कारा सीट पर लगातार जीतते रहे. मौजूदा समय में भी वह मावेलिक्कारा सीट से ही सांसद है. बीते दिनों अपने आप को प्रोटेम स्पीकर न चुने जाने पर भी उन्होंने विरोध जताया था.