बिहार के सरकारी स्कूल के 3.5 लाख बच्चों का नामांकन होगा रद्द, योजनाओं से भी होंगे वंचित

बिहार के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले 3.5 लाख से ज्यादा बच्चों का नामांकन रद्द किया जा सकता है. इन बच्चों का नाम प्राइवेट और सरकारी दोनों ही स्कूल में होने के कारण यह बड़ा कदम उठाया जाएगा.

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बच्चों का नामांकन होगा रद्द

बच्चों का नामांकन होगा रद्द

बिहार के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले 3.5 लाख से ज्यादा बच्चों का नामांकन रद्द किया जा सकता है. इन बच्चों का नाम प्राइवेट और सरकारी दोनों ही स्कूल में होने के कारण यह बड़ा कदम उठाया जाएगा. इसके साथ ही इन बच्चों को नीतीश सरकार की योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलेगा. दरअसल, राज्य में लाखों बच्चों ने सरकारी स्कूलों में मिलने वाले सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए नामांकन तो कराया, लेकिन पढ़ाई प्राइवेट स्कूलों में कर रहे हैं. ऐसे बच्चों की पहचान कर ली गई है. पटना में ऐसे 9,310 बच्चों की पहचान हो चुकी है. वहीं पूरे राज्य में अब तक 3 लाख 55 हजार 700 मामले सामने आए हैं. शिक्षा विभाग ने आधार कार्ड के जरिए ऐसे बच्चों की पहचान की है. 

जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने इस पर जानकारी देते हुए बताया कि आधार कार्ड के माध्यम से दोहरा नामांकन लेने वाले बच्चों की पहचान की जा रही है. सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों का आधार ई शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है. जिन भी बच्चों ने सरकारी और प्राइवेट दोनों ही स्कूलों में नामांकन लिया है, उनका सरकारी स्कूल से नाम कट जाएगा.

बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को कई योजनाओं का लाभ मिलता है, जैसे कि बिहार बोर्ड से मैट्रिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी में पास करने वाले बच्चों को 10-10 हजार रुपए की छात्रवृत्ति दी जाती है. वहीं इंटर में पास होने वाली लड़कियों को मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत 25-25 हजार रुपए की छात्रवृत्ति दी जाती है. साइकिल और पोशाक आदि योजनाओं का भी लाभ दिया जाता है.

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