दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन का आज सातवां दिन है. किसान आंदोलन 2.0 में पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर बीते 7 दिनों से किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच में बैठक जारी है. चौथे बैठक में सरकार ने किसानों को चार फसलों पर एसपी देने का प्रस्ताव दिया है. इसके बाद किसानों ने सोचने के लिए दो दिनों का समय मांगा है. 20 फरवरी की शाम किसान, सरकार के इस प्रस्ताव पर अपना फैसला सुनाएंगे.
सरकार की तरफ से किसानों से बात करने के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल पहुंचे थे, जहां उन्होंने कहा कि सरकार मक्का, कपास, अरहर और उड़द पर एमएसपी देने के लिए तैयार है. अगले 5 सालों तक चार फसलों की खरीद सहकारी सभाओं के जरिए होगी. नैफेड और एनसीसीएफ से 5 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट होगा.
किसानों ने भी अपनी मांगों को सरकार के आगे रखा है. किसान सभी फसलों पर MSP पर खरीद के लिए कानून की मांग कर रहे हैं. किसानों की मांग है की फसलों की कीमतें स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर तय की जाए. किसानों ने हरी मिर्च, हल्दी और दूसरे मसाले के लिए भी राष्ट्रीय आयोग के गठन की मांग की है.
केंद्रीय मंत्री के साथ बैठक के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि फसलों का विविधीकरण बेहद जरूरी है. बशर्ते सरकार वैकल्पिक फसलों पर एमएसपी की गारंटी दे. इसके बाद अन्य फसलों को भी इसके अंतर्गत लाया जा सकता है. हम केंद्र के प्रस्ताव पर किसान संगठन के जवाब का इंतजार करेंगे.
किसान आंदोलन के बीच में केंद्र सरकार ने हरियाणा से सटे पंजाब के सात जिलों पटियाला, एसएएस नगर, भटिंडा, मुक्तसर साहिब, मानसा, संगरूर और फतेहगढ़ साहिब में इंटरनेट 24 फरवरी तक बंद किया गया है. इसके पहले 12 से 16 फरवरी तक 3 जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बंद किया गया था. हरियाणा में भी इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को बंद किया गया है. हरियाणा के अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को बंद रखा गया है.