लोकसभा चुनाव के बीच पार्टी नेताओं के बीच चल रही मनमुटाव की खबरे सोशल मीडिया पर आने के बाद अब लीगल नोटिस तक पहुंचने लगी हैं. कांग्रेस की पूर्व नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस मीडिया सेल के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला (Sushil Anand Shukla) पर गंभीर आरोप लगाये हैं. राधिका ने रविवार 5 अप्रैल को कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर भी आरोप लगाते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है.
राधिका खेड़ा (Radhika Khera) के आरोपों का जवाब देते हुए सोमवार छह अप्रैल को देर शाम सुशील आनंद शुक्ला ने मानहानि का नोटिस भेज दिया है. सुशील आनंद ने रायपुर में प्रेस कांफ्रेंस कर राधिका को नार्को टेस्ट कराने की चुनौती भी दी. सुशील आनंद ने शराब ऑफर किये जाने के आरोप ला खंडन करते हुए भी कहा कि “ना तो मैं शराब पीता हूं और ना ही मेरे परिवार में कोई शराब पीता है.
वहीं आरोप प्रत्यारोप के बीच राधिका खेड़ा ने मंगलवार को बीजेपी (BJP) ज्वाइन कर लिया है. राधिका के साथ शेखर सुमन ने भी बीजेपी की सदस्यता ली है.
क्या है पूरा मामला
राधिका खेड़ा और सुशील आनंद शुक्ला के बीच शुरू हुआ विवाद अब कांग्रेस (Congress) पार्टी के विचारों तक पहुंच गया है. राधिका ने कांग्रेस पर सनातन विरोधी होने का भी आरोप लगाया है. इस पुरे प्रकरण की शुरुआत 1 मई को हुई जहां, राधिका ने सोशल मीडिया एक्स पर वीडियो पोस्ट किया जिसमें वह रोटी हुई नजर आई. राधिका ने इस दौरान आरोप लगाया कि पार्टी में उनकी बेइज्जती हुई है. इसके बाद राधिका ने इसकी जानकारी PCC चीफ दीपक बैज को दी.
2 मई को पवन खेड़ा ने पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज से पुरे मामले में जानकारी मांगी. जिसके बाद दीपक बैज ने राधिका खेड़ा और सुशील आनंद शुक्ला के पक्ष को जाना. इस दौरान कांग्रेस प्रवक्ता नितिन भंसाली, सुरेंद्र वर्मा, मीडिया पैनलिस्ट परवेज आलम, दीपक पांडेय भी मौजूद रहे.
राधिका खेड़ा ने पांच मई को पार्टी से इस्तीफा देते हुए सचिन पायलट, जयराम रमेश, भूपेश बघेल और पवन खेड़ा पर अनदेखी के आरोप लगाए. प्रेस कांफ्रेंस में राधिका ने कहा “भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मुझे शराब ऑफर की गई. इसकी शिकायत मैंने सचिन पायलट, जयराम रमेश और पवन खेड़ा से किया. लेकिन किसी ने इसपर ध्यान नहीं दिया.”
बाद में भूपेश बघेल ने मुझे फोन किया. मैंने उनसे राजनीति छोड़ने की बात कही. लेकिन उन्होंने मुझसे छत्तीसगढ़ छोड़ने को कहा.”
राधिका ने इस्तीफे के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी के नारे पर कटाक्ष करते हुए कहा “लड़की हूं तो लड़ सकती हूँ” अब कांग्रेस का नारा नहीं रहा. कांग्रेस का स्लोगन है “लड़की हो तो पिटोगी.”