पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा जल्द ही नहीं राजनीतिक पार्टी बना सकते हैं. यह राजनीतिक पार्टी पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर हो सकती है. दरअसल साल के अंत में झारखंड विधानसभा चुनाव हो सकते हैं, ऐसे में कई पार्टियां विधानसभा में अपनी दावेदारी पेश करना चाहती हैं. यशवंत सिन्हा ने नई राजनीतिक पार्टी बनाने के लिए 26 अगस्त की शाम समर्थकों के साथ एक बैठक की. दिल्ली रवाना होने से पहले सिन्हा ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों के साथ परामर्श करने के बाद अटल बिहार विचार मंच गठित करने पर अंतिम निर्णय शीघ्र लिया जाएगा.
बैठक की अध्यक्षता भाजपा के पूर्व कार्यकारिणी सदस्य सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने की. भाजपा के पूर्व सांसद जयंत सिन्हा और उनके पिता यशवंत सिन्हा ने भी इसमें हिस्सा लिया.
यशवंत सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. देश के विदेश और वित्त मंत्री का पद संभाल चुके सिन्हा 1998, 1999 और 2009 में हजारीबाग सीट से चुनाव जीते थे. राजनीति में आने से पहले यशवंत सिन्हा आईएएस अफसर रह चुके हैं. 24 साल तक उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा में अलग-अलग पदों पर अपनी सेवाएं दी है. राजनीति में रुझान होने के कारण उन्होंने 1984 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया. 2014 में यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा को हजारीबाग से टिकट दिया गया. लेकिन इस साल के चुनाव में जयंत की जगह मनीष जायसवाल को टिकट दिया गया और जायसवाल इस सीट से जीत गए.
झारखंड में इन दिनों राजनीतिक उठा पटक जारी है. राज्य में कुछ ही महीने में चुनाव होने वाले हैं, उसके पहले ही पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने झामुमो छोड़ने का फैसला लिया है. 30 अगस्त को वह भाजपा में शामिल होने वाले हैं. राज्य में बढ़ रही राजनीतिक गर्मी के बीच यशवंत सिन्हा के इस ऐलान से भी खलबली मच सकती है.