बिहार लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित कराई गई, शिक्षक भर्ती परीक्षा अपने आप में एक विवाद से घिरी हुई थी. इस भर्ती परीक्षा को लेकर पहले से ही काफी बवाल राज्य में मच चुका है. भर्ती परीक्षा के बाद नियोजन और नियुक्ति पत्र को भी लेकर काफी सवाल नीतीश सरकार पर उठ चुके हैं. लेकिन इन सब में अब भर्ती परीक्षा के क्वेश्चन पेपर पर भी सियासी घमासान मचने लगा है.
शिक्षक भर्ती परीक्षा 2.0 में आखिरी दिन I.N.D.I.A. गठबंधन की एंट्री हुई है.15 सितंबर को आयोजित हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा के आखिरी दिन सवालों पर घमासान छिड़ गया. शुक्रवार को आयोजित इस परीक्षा के दूसरे चरण में डेढ़ सौ सवाल में से 58वां सवाल राजनीतिक दलों के ऊपर था. जिसमें पूछा गया कि हाल ही में बने विपक्षी राजनीतिक दलों के गठबंधन इंडिया का पूर्ण रूप क्या है?
I.N.D.I.A एक घमंडिया गठबंधन
परीक्षा के सवालों में I.N.D.I.A गठबंधन के फुल फॉर्म के पूछे जाने पर अब भाजपा ने सवाल करना शुरू कर दिया है. भाजपा ने नीतीश कुमार से सवाल किया है कि क्या विपक्षी सरकार I.N.D.I.A गठबंधन का राज्य में प्रचार कर रही है? बीजेपी के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने नीतीश कुमार पर हमला बोलकर कहा कि विपक्ष का गठबंधन ठगों की जमात है.
प्रवक्ता अरविंद कुमार ने आगे कहा कि उसमें गठबंधन का फुल फॉर्म क्यों पूछा जाता है. यह क्यों नहीं बताया जाता है कि I.N.D.I.A गठबंधन नहीं बल्कि यह एक घमंडिया गठबंधन है, जिसमें चोरों की जमात है. I.N.D.I.A गठबंधन ईडी और इनकम टैक्स से बचने के लिए एकजुट हुई है.
भाजपा प्रवक्ता डॉक्टर रामसागर सिंह ने भी नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के सरकार पर यह आरोप लगाया है कि शिक्षक भर्ती परीक्षा को प्रचार का अड्डा बनाया जा रहा है. परीक्षा के माध्यम से बिहार सरकार I.N.D.I.A गठबंधन का प्रचार करने में लगी हुई है. बच्चों से ऐसे सवाल पूछे जा रहे हैं जिसका नाम 95% नेता जानते तक नहीं.
वही जब कांग्रेस से इस बारे में जानने की कोशिश की गई, तो इंडिया टुडे को दिए गए बयान में कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि ऐसे प्रश्न पत्र बीपीएससी तैयार करता है. इसमें राज्य सरकार और राजनीतिक संगठनों की कोई भागीदारी नहीं होती है. अगर यह जनरल नॉलेज का सवाल है तो यह प्रश्न पूरी तरह से ठीक है. लेकिन लोग सेवा के परीक्षाओं में ऐसे सवाल पूछे जाने से बचना चाहिए.
शिक्षक भर्ती परीक्षा के पहले चरण की नियुक्ति पर राज्य में भी बहुत सारी राजनीतिक पार्टियों ने भ्रष्टाचार और कई गंभीर आरोप लगाए थे. दावा किया गया था कि इस परीक्षा में सरकार ने अपने मन से लोगों को नियुक्ति पत्र बांटा है.
यूं तो यह परीक्षा बस अपने सख्त नियमों दूर परीक्षा केंद्र और कुछ आदेशों की वजह से चर्चा में बनी हुई थी, लेकिन अब परीक्षा में पूछे गए सवाल पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं. सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि क्या यह महज एक इत्तेफाक है या फिर आने वाले चुनाव की छोटी मोटी तैयारी?
बताते चलें कि इसी साल विपक्षी दलों ने एकजुट होने के बाद अपने महागठबंधन का नाम I.N.D.I.A गठबंधन रखा है. इस गठबंधन का पूरा नाम इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलाइंस है.