भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बिहार में चुनावी यात्रा शुरू करने जा रहे हैं. 18 अक्टूबर को भागलपुर से गिरिराज सिंह हिंदू स्वाभिमान यात्रा के पहले चरण की शुरुआत करेंगे. पांच दिवसीय इस यात्रा का उद्देश्य हिंदू समुदाय को एकजुट करना बताया जा रहा है, जिसका विषय “संगठित हिंदू, सुरक्षित हिंदू” रखा गया है. 22 अक्टूबर को गिरिराज सिंह की यात्रा किशनगंज में खत्म होगी. इन पांच दिनों में केंद्रीय मंत्री 19 अक्टूबर को कटिहार, 20 अक्टूबर को पूर्णिया, 21 अक्टूबर को अररिया और 22 को किशनगंज जाएंगे. यह सभी जिले मुस्लिम बहुल है जहां गिरिराज सिंह हिंदू एकजुटता यात्रा करने पहुंचेंगे. हालांकि केंद्रीय मंत्री की यह यात्रा अब विवादों में घिर रही है. विपक्ष की ओर से गिरिराज सिंह की यात्रा पर कड़ी प्रतिक्रिया दी जा रही है. राजाद और कांग्रेस भाजपा नेता पर बांटने वाली राजनीति करने का आरोप लगा रही है.
बेगूसराय के राजद नेता तनवीर हसन ने गिरिराज सिंह की यात्रा पर कहा कि उनकी यह यात्रा नफरत बढ़ाने के मकसद से है. गिरिराज सिंह बांटने वाली राजनीति के लिए मशहूर है और इस यात्रा के जरिए नफरत फैलाकर तनाव पैदा करना चाहते हैं. वहीं कांग्रेस नेता ज्ञान रंजन ने कहा कि इस यात्रा को उद्देश्य समाज में धार्मिक विभाजन पैदा करना है.
हालांकि केंद्रीय मंत्री ने यात्रा पर सफाई देते हुए कहा कि जब नेता विपक्ष तेजस्वी यादव, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर यात्रा पर निकलते हैं तो किसी को दिक्कत नहीं होती. लेकिन जब वह यात्रा पर निकल रहे हैं तो सबको इससे बेचैनी हो रही है.
बता दें कि गिरिराज सिंह ने यात्रा की घोषणा करते हुए कहा था कि इस यात्रा का मकसद हिंदू समाज को एकजुट करना और सत्ता परिवर्तन के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रही हिंसा पर सवाल उठाना है. इस दौरान उन्होंने दोहराया था कि अगर बंटवारे में सारे मुसलमान पाकिस्तान चले गए होते तो आज समस्याएं नहीं होती.