बिहार में राज्यकर्मी का दर्जा पाने वाले नियोजित शिक्षकों की परीक्षा 26 फरवरी से शुरू होने वाली है. इस परीक्षा में पास होने के लिए शिक्षकों को तीन मौके मिलने वाले थे, लेकिन आज इस मौके को बढ़ा दिया गया है. राज्यकर्मी का दर्जा पाने के लिए अब बिहार के नियोजित शिक्षकों को तीन की बजाए पांच बार सक्षमता परीक्षा देने का मौका मिलेगा. इन पांच परीक्षाओं में से नौकरी बचाने के लिए नियोजित शिक्षकों को बस एक परीक्षा में पास होना होगा.
पहले परीक्षा में तीन बार शिक्षकों को पास होने के लिए मौका दिया जा रहा था, जिसमें से एक बार भी पास होने से शिक्षक को राज्यकर्मी का दर्जा मिल जाता. लेकिन इस फैसले को अब बदल दिया गया है.
पटना हाईकोर्ट में बिहार सरकार द्वारा निर्गत स्थानीय निकाय शिक्षकों के साक्षमता परीक्षा को चुनौती दी गई है. याचिका में विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 के नियम तीन और चार को अवैध, भेदभावपूर्ण, अनुचित और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन करने का जिक्र किया गया है. कोर्ट में इस परीक्षा पर रोक लगाने का भी आग्रह किया गया है.
मालूम होगी कि राज्य में 26 फरवरी से नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा आयोजित की जाने वाली है जिसका विरोध काफी दिनों से राज्य में चल रहा है. परीक्षा के विरोध में शिक्षक संघ और शिक्षा विभाग आमने-सामने भी आ चुके हैं. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने साफ तौर पर जिलाधिकारी को आदेश दे दिया है कि विरोध में शामिल होने वाले शिक्षकों की पहचान कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए.