झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भाजपा में शामिल हुए. झामुमो छोड़ने और विपक्ष का हाथ थामने के बाद हेमंत सरकार ने उनके खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. दरअसल चंपई सोरेन के जिलिंगगोड़ा आवास के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों को राज्य सरकार के आदेश पर हटा लिया गया है. इसके अलावा चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन, प्रेस सलाहकार धर्मेंद्र गोस्वामी उर्फ चंचल को भी मिली सुरक्षा राज्य सरकार ने वापस ले ली है.
पूर्व सीएम को मिली सुरक्षा फिलहाल बरकरार है. मगर उनके घर के बाहर तैनात चार जवानों को हटाया गया है. राज्य सरकार के इस रवैये के बाद चंपई सोरेन के समर्थकों में आक्रोश बढ़ गया है. समर्थकों का कहना है कि चंपई सोरेन जमीन से जुड़े नेता है. राज्य सरकार ने उन्हें सुरक्षा दी है, उसे हटाना नहीं चाहिए. जिस नेता ने झारखंड आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई. जंगलों की खाक छानी. ऐसे नेता के प्रति झारखंड सरकार का व्यवहार अशोभनीय है.
हालांकि कहा जा रहा है कि चंपई सोरेन के आवास से हटे सुरक्षाकर्मियों को फिर से जल्द बहाल किया जाएगा.
बता दें कि झारखंड में हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद चंपई सोरेन ने सत्ता संभाली थी. सीएम की कुर्सी पर बैठकर करीब 5 महीने तक चंपई सोरेन ने सेवा दी. मगर हेमंत सोरेन के जेल से छुटते ही चंपई सोरेन की कुर्सी वापस चली गई. इसके बाद वह कई दिनों तक झामुमो से नाराज चल रहे थे. बीते 30 अगस्त को ही पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने झामुमो का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था.