झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को जेल से लौट कर सत्ता संभाले हुए 100 दिन पूरे हो चुके हैं. कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए एक संदेश जारी किया. अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर उन्होंने लिखा कि चुनाव आयोग ने झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी है. विधानसभा चुनाव में हमें भाजपा और विपक्ष के धन तंत्र, झूठ, साजिश और समाज को तोड़ने वाली राजनीति के खिलाफ मिलकर लड़ना है.
एक लंबे चौड़े पोस्ट के जरिए सीएम ने 2019 में राज्य की बागडोर संभालने से लेकर जनता के आशीर्वाद तक को लिखा. 2019 को याद करते हुए उन्होंने लिखा कि 2019 में सीएम बनने का मकसद था कि झारखंड रूपी पेड़ को संचित कर इसकी जड़े मजबूत की जाए. भाजपा ने इस पेड़ को 20 वर्षों तक दोनों हाथों से लूटने का काम किया था. इस सुखाने का काम किया था. इसकी जड़ों पर मट्ठा डालने का काम किया था. यही कारण था कि 20 वर्षों के युवा झारखंड में हमारे गरीब, वंचित और शोषित वर्ग के लोग सामाजिक सुरक्षा जैसी मूलभूत जरूरत के लिए तरसते थे. हमारे आदिवासी, दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक खोई हुई पहचान के लिए तरसते थे. हमारे राज्य के नौनिहाल अच्छी शिक्षा के लिए तरसते थे. हमारे होनहार युवा नौकरी और रोजगार के लिए तरसते थे. हमारी माताएं-बहनें मान सम्मान और स्वाभिमान के लिए तरसतीं थीं. हमारे मजदूर भाई-बहन अपनी पहचान के लिए तरसते थे. हमारे जल-जंगल जमीन अपनी अस्मिता के लिए तरसते थे.
कोरोना काल को भी याद करते हुए हेमंत सोरेन ने लिखा कि उस समय जीवन के साथ-साथ जीविका बचना भी बहुत जरूरी था. हमने तुरंत बिरसा हरित ग्राम योजना शुरू की, नीलांबर पीतांबर जल समृद्धि योजना शुरू की, पोटो खेल विकास योजना भी शुरू की. मनरेगा में काम कर रहे लोगों को वाजिब मजदूरी मिले इसके लिए मजदूरी दर बढ़ाने का भी काम किया.
सीएम ने विपक्ष पर आरोपों के साथ आदिवासियों के हित और युवाओं की नौकरियों समेत तमाम चुनावी मुद्दों को अपने पोस्ट में शामिल किया.