हमरा बुझाता बबुआ GM होंइए, ना ना उ त DM होंइए, ए ललना हिंद के सितारा उ त CM होंइए, ओहूं से उपरा PM होंइए हो......
इ गाना के लाइन आजकल एकदम चलन में बनल बा. काहे से कि बिहारी टोन अब खूबे सुने मिलता, चाहे उ गावे-बजावे वाला मौका होखे, चाहे लोकसभा के चुनाव. आ चुनावी नतीजा प त जईबो मत करम, ना त बिहारी बाबूओं खूबे छाईल रहे उ समय. इ गनवा के लाइन के तनी आराम से पढ़ल जाओ त ई कांग्रेसी ललना पे एकदम फिट बईठता. काहे से कि ललना के पीएम बनावे के सपना त कांग्रेस में बड़ले बा, आउर कोनो बड़लो त ना बा. आखिर केकरा देने पीएम खातिर देखल जाओ? लेकिन एक बार फिर ई सपनवा बस सपनवे रह गईल. हालांकि जोर-प्रयास, मान-मनउल खूब भईल, इहां तक की बात पीएम कुर्सी ललनवा से चाचा तक के झोली में जात रहे. लेकिन इमानदारी आ वफादारी भी कोनों चीज ह. आदमी के करवटों बिस्तर के हिसाब से लेवे के चाही, आ जमीन प जोन सुत्तल बाड़े उनकर त बाते दुसर बा. समझनी सुशासन बाबू.
खैर चली तने कांग्रेस के ललना के बात करे, ए बार चुनाव प्रचार में बबुआ के आंधी चलल रहे. अइसन आंधी की दुन्नो हाथ में एक-एक गो सीट आ गइल रहे. चुनावी आकड़ा त ए बेरा पीएमो के जान सुखवले रहे. काहे से कि पीएम पद जाए लेकिन वाराणसी से ना हारे पाए. अयोध्या हाथ से भले जाए, लेकिन हीच तान के पीएम कुर्सी बचल रहे. खैर भगवान राम के मंदिर में बइठवलो प कृपा ना बरसल, लेकिन लोक-लाज में मुह दिखावे भर कुर्सी हाथ लाग गइल. इहो कुर्सी बैसाखीए के सहारे अटकल बाटे.
ई लड़ाई में लेकिन ललनो के कम योगदान ना रहे, चाहे कितनो कह दिही लेकिन ललनवा कुर्सी के एक टांग हिला त जरुर देले रहलन. उ कहल जा ला नु तोहर जीत से ज्यादा बात त हमार हार के होता. बस ईही हाल देखे के मिलल बा लोकसभा चुनाव 2024 में.