शनिवार को जदयू की राज्य कार्यकारिणी बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में पार्टी ने एक बार फिर सीएम पद के चेहरे के लिए नीतीश कुमार का चयन किया गया है. आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बुलाई गई इस बैठक में यह फैसला लिया गया. जदयू के परबत्ता से विधायक डॉक्टर संजीव ने इस पर मुहर लगाते हुए कहा कि आज की बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए का बेहतर प्रदर्शन करना है. आने वाले चुनाव में एनडीए 225 सीटों पर जीत हासिल करेगी और सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर से बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे.
जदयू के बैठक में आज ललन सिंह के ना पहुंचने पर सबको आश्चर्य हुआ. इस पर पार्टी में एक बार फिर मतभेद की खबरें उठने लगी, जिस पर जवाब देते हुए डॉक्टर संजीव ने व्यक्तिगत कारणों से ललन सिंह के ना पहुंचने का हवाला दिया और कहा कि सब कुछ ठीक चल रहा है.
बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने भी 45 मिनट तक चुनावी ज्ञान दिया. नीतीश कुमार ने कहा कि 2010 में 206 सीटों पर एनडीए ने जीत हासिल की थी. उस समय तीर धनुष को लेकर कंट्रोवर्सी हो गई थी. उन्होंने आगे कहा कि हमारी कोशिश है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या विशेष आर्थिक सहायता मिले. केंद्र की तरफ से जो भी विशेष आर्थिक सहायता दी गई है इसके लिए मैं पीएम मोदी, गृह मंत्री शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का धन्यवाद करता हूं.
आज एक बार फिर जदयू के भीतर अशोक चौधरी को लेकर गर्माहट नजर आई. पार्टी मीटिंग के दौरान अशोक चौधरी का विरोध शुरू हो गया. परबत्ता विधायक ने कहा कि जो लोग भी जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल करते हैं, भूमिहारों के लिए बयान देते हैं उनका सख्त विरोध पहले से ही मैं करता आया हूं. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भूमिहारों को गाली देने वालों को महासचिव बना दिया जाता है.