मौत कब आ जाए, कोई नहीं जनता....इसका ना तो कोई दिन तय है और ना ही रात. मौत चलते-फिरते, खाते-पीते, सोते-जागते, नाचते-कूदते कभी भी हमसे मिलने आ सकती है. और जब मौत किसी व्यक्ति को ऐसे समय अपने आगोश में ले ले जब वह बहुत खुश हो और नाच गा रहा हो, तब इसे क्या कहेंगे? ऐसी मौत जिससे देखकर एक पल के लिए सामने बैठे लोगों को भी भरोसा ना हो कि फलां व्यक्ति की मौत उनकी आंखों के सामने हो गयी है.
मौत का ऐसा ही मजाक इंदौर के एक योग केंद्र में देखने को मिला. यहां एक रिटायर्ड फौजी की मौत “मां तुझे सलाम गाने” पर परफॉर्मेंस देने के दौरान हो गयी. डांस करते समय ही वो हाथों में झंडा लिए स्टेज पर गिर गये. स्टेज से नीचे बैठे लोग इसे परफॉर्मेंस का हिस्सा मानते हुए तालियां बजाने लगे. अगले ही पल दुसरे व्यक्ति ने पास आकर झंडे को अपने हाथ में उठा लिया और हवा में लहराने लगा.
गाना खत्म होने के बाद लोग उनके पास पहुंचते हैं. हालांकि शरीर में कोई हलचल नहीं होने पर वहां मौजूद लोगों ने उन्हें सीपीआर दिया. सीपीआर देने के बाद बलविंदर सिंह छाबड़ा उठकर बैठ जाते हैं और लोगों से पूछते हैं कि “मुझे क्या हुआ था.” इसके बाद उन्हें फ़ौरन अरिहंत अस्पताल में भर्ती कराया जाता है. जहां ईसीजी और जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. डॉक्टर इसपर हार्ट अटैक की आशंका जता रहे हैं.
बलविंदर सिंह की मौत की सूचना परिवार को दे दी गयी है. वहीं छबड़ा की आंखे और त्वचा मुस्कान ग्रुप के जरिये दान कर दी गयी. क्योंकि बलविंदर सिंह ने अंगदान के लिए पंजिकरण करा रखा था.