जनता दल यूनाइटेड पार्टी दो गुट में बटती हुई नजर आ रही है एक गुट में अशोक चौधरी के खिलाफ खड़े कुछ नेता है, तो दूसरा गुट चुपचाप सब कुछ छुपाने की कोशिश में है. दरअसल बीते शनिवार को नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य कार्यकारिणी की बैठक आयोजित हुई थी, जिसमें यह फैसला दिया गया कि अगले साल का विधानसभा चुनाव सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा और एनडीए की सरकार में नीतीश कुमार ही सीएम चेहरा बनेंगे. इसी बैठक में अंदरूनी कलह की भी चर्चा शुरू होने लगी.
जदयू के परबत्ता विधायक डॉ संजीव कुमार ने मंत्री अशोक चौधरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग रख दी. रविवार को भी उन्होंने मीडिया से बातचीत में जदयू की टेंशन बढ़ाई है. दरअसल दुबई में मंत्री अशोक चौधरी की शराब पार्टी वाली तस्वीर वायरल हो गई है, जिस पर जदयू विधायक ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार को यह देखना चाहिए यहां शराब बंदी है और वहां देश के बाहर जाकर शराब पार्टी की जा रही है. यह कहीं से उचित नहीं है. उनपर(अशोक चौधरी) कार्रवाई की जानी चाहिए.
डॉ संजीव ने आगे कहा कि ऐसे लोग अपने आप को दलित नेता समझते हैं. हमारे दल में दलित के बहुत बड़े-बड़े नेता हैं. रत्नेश सदा है जो तीन-चार बार चुनाव जीते हैं. वह(अशोक चौधरी) तो गलती से एक बार चुनाव जीते हैं. जदयू में और भी दलितों के बड़े नेता हैं, श्याम रजक, सुनील कुमार भी दलित है. वह(अशोक चौधरी) बिना चुनाव जीते हुए, नौटंकी करके पार्टी में बने हुए हैं. वह बिना पेंदी के लोटा है.
जदयू विधायक के अंदर की भड़ास यही खत्म नहीं हुई. उन्होंने अशोक चौधरी की ओर से भूमिहार समाज को लेकर दिए गए बयान पर भी निशाना साधा. डॉ संजीव ने कहा कि यह बहुत दुखद है, यह हमारे समाज के लोगों को गाली देते हैं. भूमिहार क्या, किसी भी जाति पर जातिसूचक शब्द बोलने का अधिकार नहीं है. वह नीतीश कुमार को गुमराह कर सकते है, जनता को नहीं. उनके खिलाफ भूमिहार समाज में गुस्सा है.