2013 से झारखंड में हेमंत सोरेन यूपीए की सरकार चला रहे हैं. 10 सालों के लंबे कार्यकाल में हेमंत सोरेन को दूसरी बार 2019 में झारखंड के सीएम के तौर पर कुर्सी संभालने का मौका मिला था. झारखंड के सीएम के तौर पर इस कार्यकाल का चार साल पूरा होने वाला है. 2019 में शपथ लेने के बाद इस साल 29 दिसंबर को हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल का 4 साल पूरा हो रहा है. 4 साल पूरे होने के खुशी में रांची के ऐतिहासिक मोहराबदी मैदान में भव्य कार्यक्रम आयोजित होने वाला है.
राजकीय कार्यक्रम की तैयारी का जैसा लेने के लिए बुधवार को सचिव डीसी राहुल सिंह कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे. जहां मंच से लेकर बैठने वाली जगह तक के जगहों का डीसी ने जायजा लिया.
कार्यक्रम को लेकर राजधानी कि सड़कों पर जगह-जगह पर हेमंत सोरेन के नाम की होर्डिंग और उनकी सरकार की पोस्टर्स लेकिन लगाए गए हैं. कार्यक्रम में प्रदेश भर से लोग सोरेन सरकार की सफलता कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचेंगे.
मोहराबादी के फुटबॉल मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम
कार्यक्रम में हेमंत सरकार अपने 4 साल की उपलब्धियां को गिनाएंगे और साथ ही लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण भी करेंगे. मोहराबादी के फुटबॉल मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम और सरकार से जुड़ी प्रदर्शनियों को भी लगाया जाएगा. इस कार्यक्रम में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की प्रतियोगी परीक्षा में चयनित हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र भी सोरेन सरकार बाटेगी. अगले साल चुनाव है उसके पहले हेमंत सरकार लोगों के बीच में अपने सरकार की छाप छोड़ना चाहती है. जिसकी वजह से इस कार्यक्रम को भव्य स्तर पर मनाया जाने की तैयारी की जा रही है.
हालांकि इस दौरान कई बार सीएम हेमंत सोरेन की किरकिरी भी हुई है. जिसका ताजा मामला कांग्रेस सांसद धीरज साहू के यहां मिले करोड़ों रुपए से जुड़ा हुआ है. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी हेमंत सोरेन के खिलाफ विपक्षी पार्टियां सोरेन सरकार को घेर चुकी हैं.
हेमंत सोरेन अपने सरकार की उपलब्धियां को गिनाने का एक बड़ा कार्यक्रम कर रहे है तो वही विपक्ष भी हेमंत सरकार के 4 साल पूरे होने को लेकर एक बड़ा प्लान तैयार कर रही है. दरअसल भाजपा सोरेन सरकार के 4 साल पूरे होने के उपलक्ष में एक रिपोर्ट कार्ड जारी करने वाली है. जिसमें सोरेन सरकार के खिलाफ आरोप पत्र होगा. इस आरोप पत्र से भाजपा 4 सालों में योजनाओं के ना पूरे होने और कई मुद्दों पर सरकार के जवाब ना देने को लेकर हमलावर रहेगी.
हेमंत सोरेन को झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में जब यह दूसरा मौका मिला तब जनता ने सोरेन के साथ कई उम्मीदों को बांध रखा था. जिस पर हेमंत सोरेन अभी तक खरे नही उतरे है. अपने 8 साल के कार्यकाल में झारखंड के कई पंचायतों तक नल जल योजना, आवास योजना जैसी बुनयादी सुविधाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. आज भी झारखंड के कई इलाकों में झाड़-फूंक, जादू-टोना, डायन प्रथा जैसी चीजें सरेआम होती हैं. राज्य में गावों से बिजली, सड़क, पानी, पढाई 21वीं सदी में भी कोसो दूर है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र भी हेमंत सरकार की सूध से दूर हैं. डेमोक्रेटिक चरखा लगातार ऐसी ही कई वीडियो रिपोर्ट्स बना चुका है और इन सभी बुनयादी मुद्दों पर अपनी वाह-वाही लूटने वाली सरकार से सवाल भी कर चुका है. लेकिन सवाल अब भी वही का वहीं है कि आखिर सरकार की नजर से एक बड़ी आबादी का विकास कैसे छूट जाता है और कैसे वह सरकार साल दरसाल अपने वाहवाही का कार्यक्रम आयोजित करती है?