राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में नीतीश-लालू नहीं होंगे शामिल, 11 करोड़ लोगों को भेजा गया है आमंत्रण

22 जनवरी को कई बड़े नेता संभवत राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगे. जिसमें बिहार सीएम नीतीश कुमार, राजद सुप्रीमों लालू यादव और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का नाम शामिल हैं.

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नीतीश-लालू की राम मंदिर को ना

नीतीश-लालू नहीं होंगे शामिल राम मंदिर के उद्घाटन में

22 जनवरी को देशभर की निगाहें अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन पर टिकी हैं. इस दिन के लिए अयोध्या नगरी सज-धज कर धीरे-धीरे तैयार हो रही है. राम मंदिर को भी रामलला के स्वागत के लिए तैयार किया जा रहा है. राम मंदिर का उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने वाले हैं. पीएम मोदी को इस मंदिर के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर बुलावा भेजा गया है. इसके साथ ही मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देशभर के राजनीतिक दलों के बड़े-बड़े नेताओं को भी आमंत्रण भेजा गया है.

22 जनवरी को कई बड़े नेता संभवत इस कार्यक्रम में शामिल होंगे, लेकिन कुछ नेता और मुख्यमंत्री अभी से ही राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने से अपने हाथ पीछे खींच रहे हैं. जिसमें बिहार के दो बड़े मंत्रियों का नाम भी शामिल है. इसके अलावा बंगाल की सीएम का नाम भी कार्यक्रम में ना जाने वाले लोगों की लिस्ट में शामिल हो चुका है. बताया जा रहा है कि बिहार से नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमों लालू यादव भी राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए नहीं पहुंचेंगे. वहीं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी 22 जनवरी को अयोध्या नहीं पहुंचेंगी.

11 करोड़ लोग उद्घाटन समारोह में होंगे शामिल

हालांकि इसके पहले ही सीपीआईएम नेता सीताराम येचुरी ने उद्घाटन समारोह में शामिल होने को लेकर अपना रुख बता दिया था. उन्होंने राम मंदिर के कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया था. साथ ही कहा था कि कोई भी सीपीआईएम प्रतिनिधि मंदिर के कार्यक्रम समारोह में शामिल नहीं होगा. 

राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य ने बताया है कि मंदिर ट्रस्ट की तरफ से 11 करोड़ लोगों को उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया है. लेकिन 22 और 23 जनवरी को होने वाले उद्घाटन समारोह कार्यक्रम में कई लोग शामिल नहीं भी हो सकते हैं. साथ ही मंदिर ट्रस्ट की ओर से बताया गया है कि 22 जनवरी को अयोध्या में विधि व्यवस्था को भी बनाए रखना एक चुनौती भरा काम होगा. इस कार्यक्रम में कई बड़े वीवीआईपी लोग शामिल होंगे, हो सकता है कि व्यवस्था में चूक होने की वजह से नाराजगी भी हो. चौपाल ने बताया कि उद्घाटन समारोह में बिहार सीएम नीतीश कुमार और लालू यादव भी शामिल नहीं होंगे.

सीपीआईएम के येचुरी ने कहा कि धार्मिक मान्यताओं का सम्मान सीपीआईएम करती है. लेकिन एक धार्मिक कार्यक्रम को राजनीति से जोड़ा गया है. यह कोई धार्मिक कार्यक्रम नहीं बल्कि राजनीतिकरण है. यह बिल्कुल सही नहीं है.

उन्होंने आगे कहा कि वह लोग निमंत्रण देने आए थे. हमने चाय कॉफी दिया हमें निमंत्रण भी मिला, लेकिन इस उद्घाटन समारोह में पीएम, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और भी कई पदाधिकारी शामिल होंगे. जिसका मतलब यह है कि वहां राजनीतिकरण होगा. हम राजनीतिकरण के खिलाफ है इसलिए हम इसमें नहीं जाएंगे.

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रतिभा देवी सिंह पाटिल को आमंत्रण

अयोध्या में 22 और 23 जनवरी को उद्घाटन समारोह होगा, जिसमें 22 जनवरी का कार्यक्रम अयोध्या में केवल संतों और यजमानों के लिए रखा गया है. इसमें किसी भी वीआईपी गेस्ट शामिल नहीं होंगे.

राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए कांग्रेस की सोनिया गांधी और इंडिया गठबंधन के पीएम चेहरा में मल्लिकार्जुन खड़गे को भी आमंत्रण भेजा गया है. इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रतिभा देवी सिंह पाटिल को भी निमंत्रण भेजा गया है.

फिल्म जगत से भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए अतिथियों को निमंत्रण भेजा गया है. जिसमें माधुरी दीक्षित, रजनीकांत, अमिताभ बच्चन शामिल हैं. इसके अलावा वैज्ञानिक, सेना के अधिकारी, पदम श्री, पदम भूषण पुरस्कार विजेताओं का भी नाम लिस्ट में शामिल है. तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा को भी अयोध्या में 22 जनवरी के लिए न्योता भेजा गया है. योग गुरु रामदेव बाबा, उद्योगपतियों और खिलाड़ियों को भी कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए निमंत्रण गया है.

मालूम हो की राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह 16 जनवरी से ही शुरू हो जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा पूजन के बाद 48 दिनों तक मंडल पूजा मंदिर में होगी.

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