झारखंड: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की सीटें हो रही खाली, गीता कोड़ा ने बीजेपी से मिलाए हाथ

झारखंड में कांग्रेस पार्टी की एकमात्र सांसद ने कांग्रेस से किनारा कर लिया है. गीता कोड़ा ने सोमवार को भाजपा ज्वाइन कर लिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में मेरा दम घुटता था.

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गीता कोड़ा भाजपा में शामिल

गीता कोड़ा भाजपा में शामिल

लोकसभा चुनाव में अपनी दावेदारी पेश करने के लिए कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. देश के अलग-अलग राज्यों में घूम-घूम कर कांग्रेस का प्रचार कर राहुल गांधी पार्टी के लिए वोट मांग रहे हैं. इंडिया गठबंधन में सभी पार्टियों को जोड़कर और कांग्रेस को साथ लेते हुए राहुल गांधी ने अपनी मेहनत से यह संदेश पहुंचाने की कोशिश की है कि कांग्रेस पार्टी एकसाथ है. लेकिन जहां एक तरफ राहुल गांधी इतनी मेहनत कर रहे है, तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी से एक-एक करके सांसद और विधायकों की विदाई हो रही है. कुछ दिनों पहले ही राहुल गांधी ने झारखंड में अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत खूब प्रचार प्रसार किया था. इस यात्रा में झारखंड कांग्रेस ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. सोमवार को कांग्रेस पार्टी को इतनी मेहनत का तगड़ा झटका लगा है. झारखंड में पार्टी की एकमात्र सांसद ने कांग्रेस से किनारा कर लिया है.

गीता कोड़ा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी

कांग्रेस से सांसद गीता कोड़ा ने सोमवार को भाजपा का दामन थाम लिया. गीता कोड़ा ने झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और नेता प्रतिपक्ष उमर बाउरी की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली है. 

गीता कोड़ा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी है. 2009 में उनके पति मधु कोड़ा को भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाना पड़ा था. जिसके बाद गीता ने राजनीति में आने का फैसला लिया था. गीता सिंहभूम से सांसद है. वह सिंहभूम जिले से लोकसभा पहुंचने वाली पहली सांसद भी हैं.

2019 में गीता ने लोकसभा चुनाव में एनडीए प्रत्याशी और तत्कालीन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को हराया था. 2014 के लोकसभा चुनाव में लक्ष्मण गिलुवा ने गीता कोड़ा को हराया था और 2009 में विधानसभा चुनाव में गीता कोड़ा ने 25 हजार वोटो के अंतर से जीत दर्ज कराई थी. 2009 के चुनाव में झारखंड की सबसे कम उम्र की विधायक होने का रिकॉर्ड गीता कोड़ा के नाम था. उस समय गीता कोड़ा मात्र 25 साल की थी. 2018 में गीता ने कांग्रेस पार्टी में जाने का फैसला लिया था.  

भाजपा ज्वाइन करने के बाद गीता कोड़ा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कहती है कि सबको साथ लेकर चलेंगे, लेकिन केवल अपने परिवार को साथ लेकर चलती है. जहां जनता का हित हो वही रहना चाहिए. कांग्रेस जनहित को नजरंदाज कर रही थी तो मेरे लिए वहां रहना उचित नहीं था. इसी वजह से मैंने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हुई हूं. भाजपा में रहकर जन हित में काम करूंगी. 

गीता कोड़ा ने कहा कि कांग्रेस में तुष्टिकरण की राजनीति होती है. कांग्रेस के साथ रहते हुए मेरा दम घुटता था. 

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