मंगलवार को परमवीर चक्र विजेता शहिद अल्बर्ट एक्का के शहादत दिवस से पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन ने अल्बर्ट एक्का को श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके साथ ही उन्होंने देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद को भी जयंती पर नमन किया.
राज्यपाल, मुख्यमंत्री और गांडेय विधायक ने अल्बर्ट एक्का की पुण्यतिथि पर महात्मा गांधी मार्ग, रांची स्थित उनके प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. राज्यपाल ने शहीद अल्बर्ट एक्का के अद्वितीय साहस, वीरता और मातृभूमि के प्रतीत अटूट समर्पण का उल्लेख किया. राज्यपाल ने कहा कि अल्बर्ट एक्का का जीवन देशवासियों के लिए न केवल प्रेरणा का स्रोत है बल्कि उनके बलिदान और वीरता की गाथा हमेशा ही अमर रहेगी.
महात्मा गांधी मार्ग के बाद वह डोरंडा स्थित राजेंद्र चौक पर राजेंद्र प्रसाद की मूर्ति पर श्रद्धा-सुमन अर्पित करने पहुंचे. राज्यपाल ने राजेंद्र प्रसाद के जीवन मूल्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके साथ की निस्वार्थ सेवा और राष्ट्र निर्माण के प्रति और साधारण योगदान हमेशा ही प्रेरणादायक रहेंगे.
बता दें कि साल 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में अल्बर्ट एक्का ने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे. उनके वीरता के किस्से देशवासियों के जुबान पर रहते हैं. गुमला जिले के एक छोटे से गांव जारी में जन्मे अल्बर्ट एक्का को शिकार का बचपन से ही शौक था. छोटी उम्र से वह धीरे-धीरे सेना की नौकरी की ओर भी आकर्षित होने लगे. बड़े होने पर वह सेना में भर्ती हुए, 1962 में उनकी बिहार रेजीमेंट में भर्ती हुई.
बाद में ब्रिगेड ऑफ गार्ड की स्थापना हुई और अल्बर्ट एक्का का बदला बिहार रेजीमेंट से इस यूनिट में किया गया. 1971 में भारत-पाकिस्तान के युद्ध में उन्हें भी शामिल किया गया. इस दौरान लांस नायक का सम्मान एक्का को मिला. युद्ध के दौरान त्रिपुरा में दुश्मनों के साथ लड़ते हुए महज 29 साल की उम्र में 3 दिसंबर 1971 को अल्बर्ट एक्का शहीद हो गए. मरणोपरांत भारतीय सेना के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र से अल्बर्ट एक्का को सम्मानित किया गया.