झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर संताल परगना मामले में कार्रवाई करने के लिए कहा है. राज्यपाल ने संताल परगना के जिलों में एसपीटी एक्ट (संताल परगना काश्तकारी अधिनियम) का उल्लंघन कर जमीन हड़पने समेत कई अवैध कार्यों को लेकर सीएम को पत्र लिखा. उन्होंने सीएम को इसे लेकर अधिकारियों को निर्देशित करने के लिए भी कहा है.
संताल परगना में जनसंख्ययाकी परिवर्तन पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य रिपोर्ट का हवाला देते हुए राज्यपाल ने पत्र में कहा कि संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ से धार्मिक, सांस्कृतिक एवं परंपरागत संस्थान में लगातार परिवर्तन हो रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र की गोचर भूमि पर अवैध रूप से धार्मिक स्थल बनाए जा रहे हैं. जाहेर स्थान, देवस्थान की भूमि पर प्रशासन कब्रिस्तान बनने के लिए चहारदिवारी की योजनाएं स्वीकृत कर रहा है.
उन्होंने पत्र में आगे लिखा की संताल परगना अनुसूचित क्षेत्र है. इस क्षेत्र में एसपीटी कानून लागू है. इस एक्ट के अनुसार आदिवासी खतियानी भूमि का हस्तांतरण पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इसके बावजूद सादे दानपत्र एवं शपथ पत्र के आधार पर व्यापक पैमाने पर आदिवासी भूमि का हस्तांतरण कर रहे हैं, जो अत्यंत गंभीर मामला है. रिपोर्ट का हवाला देते हुए राज्यपाल ने आगे लिखा कि संताल में आदिवासी महिलाओं को दूसरी, तीसरी पत्नी बनाकर मुखिया पद पर निर्वाचित किया जा रहा है. इस माध्यम से पंचायतों के संसाधनों को अवांछित तत्वों द्वारा अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश हो रही है.
राज्यपाल ने कहा कि संविधान में अनुसूचित क्षेत्र में प्रशासन खासकर आदिवासियों के हित की एवं भूमि की रक्षा के लिए राज्यपाल को विशिष्ट दायित्व दिए गए हैं. राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से विशेष अनुरोध करते हुए कहा कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए संतालीश इलाके में हो रहे इन अवैध कार्यों पर रोक लगाई जाए और स्थानीय प्रशासन को एसपीटी एक्ट के प्रावधानों का अनुपालन करने के लिए निर्देशित किया जाए.