झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन को लेकर राज्य में हलचल तेज हो गई है. झामुमो छोड़ने की खबर ने दिल्ली तक राजनीतिक गलियारे को गरम कर दिया है. खबरों के मुताबिक चंपई सोरेन दिल्ली में भाजपा नेताओं के साथ मीटिंग कर रहे हैं, जिसके बाद आज ही वह रांची लौटेंगे. हालांकि पूर्व सीएम पहले कोलकाता जाएंगे, जहां से जमशेदपुर के रास्ते सरायकेला-खरसावां स्थित अपने गांव जा सकते हैं.
बता दें कि भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच रविवार को चंपई सोरेन दिल्ली पहुंचे थे. हालांकि उन्होंने यह साफ किया था कि जहां हूं, वहीं रहूंगा. लेकिन इस बीच समय-समय पर उन्होंने एक्स के जरिए झामुमो छोड़ने के संकेत दिए हैं. अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिए चंपई सोरेन ने लिखा कि झामुमो में मेरा अपमान हुआ है. सीएम कम रहते हुए मैं बेहतर काम कर रहा था. मुझे हटाया गया. मुख्यमंत्री रहने के बावजूद मुझे बीच कार्यक्रम से बुला लिया गया. विधायक दल की बैठक में मुझसे इस्तीफा मांग लिया गया. उन्होंने आगे लिखा कि आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है. मेरे पास तीन विकल्प है, पहला राजनीति से संन्यास लेना, दूसरा अपना अलग संगठन खड़ा करना और तीसरा राह में अगर कोई साथी मिले तो उसके साथ आगे का सफर तय करना.
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने लिखा कि चंपई दा आप टाइगर थे, टाइगर है और टाइगर ही रहेंगे. एनडीए परिवार में आपका स्वागत है.
हेमंत सोरेन के सत्ता में वापस आने का यह साइड इफेक्ट साफ तौर पर देखा जा रहा है. करीब डेढ़ महीने तक चंपई सोरेन ने अपने गुस्से का घूंट पीकर झारखंड सरकार में काम किया. लेकिन अब वह हेमंत सरकार के रवैये से नाखुश नजर आ रहे हैं.
चंपई सोरेन के पार्टी छोड़ने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तगड़ा झटका लग सकता है. दरअसल चंपई सोरेन का कोल्हान क्षेत्र में अच्छी पकड़ है. इस क्षेत्र से चंपई सोरेन चौथ नेता थे जिन्होंने मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली थी. इलाके के दर्जन भर विधानसभा सीटों पर चंपई सोरेन का प्रभाव माना जाता है. आने वाले विधानसभा चुनाव में चंपई सोरेन की पार्टी छोड़ने से कोल्हान क्षेत्र में झामुमो को नुकसान हो सकता है.