30 जून को झारखंड के गिरिडीह में अरगा नदी पर बन रहा पुल पहली बारिश में ढह गया था. इस निर्माणाधीन पुल के गिरने के बाद झारखंड सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए चार इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया है. हेमंत सोरेन की सरकार ने गिरिडीह पथ प्रमंडल के चार इंजीनियरों को सस्पेंड किया है, जिनमें कार्यपालक अभियंता विनय कुमार, सहायक अभियंता अख्तर हुसैन और कनीय अभियंता मुकेश कुमार और अमित कुमार मोदी शामिल है. इन सभी इंजीनियरों के खिलाफ अनियमितता और काम में लापरवाही का आरोप लगा है. इन सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का आदेश भी दिया गया है.
मालूम हो कि बिहार में लगातार पुलों के गिरने के बाद झारखंड में पहला पुल गिरा था. देवरी प्रखंड के भेलवाघाटी के डुमरीटोला और कारीपहरी गांव के बीच अरगा नदी पर बन रहा पुल मानसून में ढह गया था. मूसलाधार बारिश और तेज बहाव के कारण पुल का गार्डर टूटकर नदी में समा गया था और पुल का एक पाया भी टेढ़ा हो गया था. इस पुल को करीब साढ़े 5 करोड़ की लागत से बनवाया जा रहा था. जिसके कंस्ट्रक्शन के लिए ओम नमः शिवाय कंस्ट्रक्शन कंपनी को जिम्मेदारी दी गई थी. पुल निर्माण में गुणवत्ता वाले चीजों का इस्तेमाल ना करने का आरोप लगा था.
पथ निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता को रिपोर्ट में गंभीर अनियमितता और लापरवाही बरतने की जानकारी मिली थी. इस पूरे मामले पर सीएम ने अधीक्षण अभियंता से स्पष्टीकरण भी मांगने का आदेश दिया था.