झारखंड में हेमंत सोरेन चौथी बार आज विधानसभा में विश्वास मत पेश करने जा रहे हैं. राज्य के 13 के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद आज इंडिया ब्लॉक के साथ मिलकर हेमंत सोरेन विश्वास मत पेश करेंगे. कहा जा रहा है कि फ्लोर टेस्ट के बाद हेमंत सोरेन अपने कैबिनेट का विस्तार भी कर सकते हैं. फ्लोर टेस्ट में पास होने के बाद कैबिनेट के मंत्रियों को आज ही राजभवन में 3:30 बजे करीब शपथ ग्रहण कराया जाएगा.
सीएम हेमंत सोरेन के फ्लोर टेस्ट के पहले झारखंड में गहमा-गहमी बढ़ी हुई है. विधानसभा में विपक्षी पार्टी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं आज फ्लोर टेस्ट के पहले रविवार को सत्तारूढ़ पार्टी ने विधानसभा सत्र के लिए बैठक की, जिसमें झामुमो, कांग्रेस और राजद के विधायकों ने विश्वास मत हासिल करने का भरोसा दिया. इधर विपक्षी गठबंधन ने भी रविवार को बैठक की. बैठक के बाद विपक्षी दल एनडीए ने बताया कि सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए यह फ्लोर टेस्ट आसान नहीं होगा
विधायक दल की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए एनडीए नेता उमर बाउरी ने कहा कि गठबंधन के सदस्यों के बीच अंदर कलह है. पार्टी ने सोमवार को फ्लोर टेस्ट में भाग लेने का फैसला किया है. हम सरकार से चर्चा सुनिश्चित करने और बोलने की अनुमति देने का अनुरोध करते हैं. उमर बाउरी ने आगे कहा कि भाजपा चाहती है कि सीएम सदन में बताएं कि जब पूर्व सीएम चंपई सोरेन पहले से ही काम कर रहे थे तो नई सरकार बनाने की जरूरत क्यों थी?
बता दें कि हेमंत सोरेन को आज फ्लोर टेस्ट में पास होने के लिए 38 विधायकों के समर्थन की जरूरत है. सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 45 विधायक है, जिनमें झामुमो के पास 27, कांग्रेस के पास 17 और राजद के पास एक विधायक है. इनमें झामुमो के दो विधायक नलिन सोरेन और जोबा मांझी सांसद हैं, वही सीता सोरेन भाजपा में चली गई है. इनके अलावा दो विधायक बिशुनपुर के चमरा लिंडा और बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम को पार्टी ने दल विरोधी कार्य की वजह से निष्कासित कर दिया था.
भाजपा के पास मौजूदा समय में 24 विधायक है, जिनमें से दो विधायक ढुलू महतो और मनीष जायसवाल सांसद है. एक विधायक जयप्रकाश भाई पटेल को पार्टी ने निष्कासित कर दिया है.
मालूम हो कि बीते 5 जुलाई को ही हेमंत सोरेन ने झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. उसके ठीक एक दिन पहले चंपई सोरेन ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपा था. झारखंड हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन को कथित भूमि घोटाला मामले से जुड़े मनी लांड्री मामले में जमानत दी थी, जिसके बाद वह 28 जून को वह जेल से बाहर आए थे. 31 जनवरी को गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने अपने सीएम पद से इस्तीफा दिया था और 5 महीने बाद एक बार फिर सीएम की कुर्सी पर बैठ गए हैं.