झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में कल से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर जा रहे हैं. पश्चिम बंगाल में बीते 7 अक्टूबर से भूख हड़ताल पर बैठे प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के पक्ष में रिम्स जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल बुलाई है. पश्चिम बंगाल में लगातार हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों की हालत भूख से बिगड़ने लगी है, जिस कारण फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन और देशभर के विभिन्न चिकित्सा संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक साथ राष्ट्र स्तरीय बैठक की. इस बैठक में पश्चिम बंगाल में डॉक्टर के विरोध प्रदर्शन के समर्थन में देशभर के चिकित्सकों के पास उपलब्ध सभी विकल्पों पर चर्चा हुई. बैठक में सर्वसम्मति से यह सहमति बनी कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों द्वारा किए गए सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद पश्चिम बंगाल सरकार अभी भी कोई चिंतन नहीं कर रही है.
ट्रेनी जूनियर डॉक्टर अभया के लिए न्याय बुनियादी मांग है, जिसके लिए पिछले दो महीने से देशव्यापी आंदोलन चल रहे हैं. सीबीआई और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बावजूद डॉक्टरों अभया को इंसाफ दिलाने में पिछड़ने का बयान दिया. इसलिए एक बार फिर डॉक्टर समुदाय में बंगाल सरकार के खिलाफ आ गई है और देशभर में वैकल्पिक सेवाएं बंद करने की घोषणा की है. जिस पर रिम्स रांची भी अमल करेगा.
रिम्स रांची की ओर से एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा गया कि यदि पश्चिम बंगाल सरकार जूनियर डॉक्टर फेडरेशन के साथ समझौता नहीं करती है, तो रिम्स जूनियर डॉक्टर पेन डाउन आंदोलन शुरू करेंगे. जिसके तहत 15 अक्टूबर से सभी वैकल्पिक और गैर आपातकालीन सेवाएं अस्पताल में बंद कर दी जाएंगी. हालांकि इस दौरान अस्पताल में सभी तरह की आपातकालीन सेवाएं चालू रहेगी और इसके लिए समुचित स्टाफ भी अस्पताल में रहेंगे.