केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने इमामगंज उपचुनाव में अपनी बहू को उम्मीदवार बनाया है. इमामगंज की खाली सीट से हम सुप्रीमो ने दीपा मांझी को टिकट दिया, जिसके बाद वह विवादों में घिर गए हैं. दीपा मांझी को टिकट मिलने के बाद जीतन राम मांझी पर कई आलोचनात्मक टिप्पणियां हो रही है. दरअसल हम सुप्रीमो ने दीपा मांझी को उम्मीदवार घोषित किया, जिसके बाद नीतीश कुमार सरकार में मंत्री संतोष कुमार सुमन ने दीपा मांझी को सिंबल देने का फोटो साझा किया. इस पर जमुई से लोजपा(आर) सांसद अरुण भारती ने टिप्पणी की है. अरुण भारती ने फोटो पर जीतन राम मांझी को क्रिमी लेयर की याद दिलाते हुए कहा कि इनको उप वर्गीकरण यहां लागू करना चाहिए था.
अनुसूचित जातियों के आरक्षण में सब कोटा बनाकर वंचित उप जातियों तक उसका लाभ पहुंचाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर भाजपा के सहयोगी दलों में मतभेद है. बीते दिन ही हरियाणा के नए सीएम नायब सिंह सैनी ने सरकार बनते ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले को राज्य में लागू कर दिया. इस फैसले का समर्थन जीतन राम मांझी भी करते हैं, जबकि चिराग पासवान सार्वजनिक रूप से फैसले का विरोध करते हैं. दोनों के बीच इसपर काफी बयानबाजी भी हो चुकी है.
केंद्रीय मंत्री मांझी कहते हैं कि आजादी के बाद सिर्फ चार दलित जातियों ने मलाई काटी है. जबकि चिराग पासवान मानते हैं कि आरक्षण भेदभाव और छुआछूत दूर करने के लिए दिया गया था. एनडीए में रहते हुए दोनों नेताओं के बीच एससी आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर काफी अलग विचार है.
ऐसे में जीतन राम मांझी ने जैसे ही इमामगंज सीट से बहु को टिकट दिया, तो चिराग पासवान के बहनोई अरुण भारती ने कहा कि उप वर्गीकरण के समर्थक जीतन राम मांझी को सबसे पहले उप वर्गीकरण यही लागू करना चाहिए.
इशारों इशारों में जमुई सांसद ने कहा कि अगर मांझी कहते हैं कि आरक्षण का लाभ कुछ जातियों को मिला है तो उनको टिकट परिवार के बाहर देना चाहिए था.
बता दें कि जीतन राम मांझी खुद कैबिनेट मंत्री हैं, बेटे संतोष सुमन राज्य में कैबिनेट मंत्री हैं. संतोष की सास ज्योति मांझी विधायक है और अब उनकी बेटी दीपा मांझी विधानसभा उपचुनाव में उम्मीदवार बनाई गई है.