जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने एक बार फिर टारगेट किलिंग की है. इस बार फिर आतंकियों ने बिहार के मजदूरों को अपना निशाना बनाया है. रविवार को आतंकियों ने गैर स्थानीय मजदूरों को निशाना बनाकर 6 मजदूर और एक डॉक्टर को गोली मार दी. इसमें से तीन मजदूर बिहार के रहने वाले थे.
घटना गांदरबल जिले के गुंड इलाके में हुई. यहां केंद्र सरकार की एक सुरंग योजना में सभी मजदूर काम कर रहे थे. इसी दौरान दो की संख्या में अचानक आतंकियों ने मजदूरों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी, जिससे दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि अन्य ने बाद में दम तोड़ा. बिहार के जिन मजदूरों की मौत कश्मीर में हुई उनमें फहीम नासिर, मोहम्मद हनीफ और कलीम शामिल है.
घटना जम्म-कश्मीर के सीएम अमर अब्दुल्ला के चुनावी क्षेत्र में हुई है. इसके पहले भी बिहार के मजदूर अशोक चौहान की टारगेट कलिंग हुई थी. आतंकियों ने बांका निवासी उस मजदूर को जासूस समझ कर मौत के घाट उतार दिया था. जानकारी के मुताबिक आतंकियों ने अशोक चौहान को खेत में बुलाकर गोली मार दी थी.
हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लशकर तैयबा के सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट(TRF) ने ली है.
प्रवासी मजदूरों की टारगेट किलिंग पर हाजीपुर के सांसद केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने चिंता जाहिर की है. चिराग पासवान ने कश्मीर में नई सरकार बनते ही टारगेट किलिंग के मामले बढ़ने पर सवाल उठाए हैं. सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरीके से यह हमला हुआ है वह चिंता का विषय है. केंद्र सरकार की इसपर नजर है, लेकिन कश्मीर में नई सरकार के गठन के बाद जिस तरह ऐसी घटनाएं वापस शुरू हुई है यह राज्य सरकार पर सवाल खड़े करती है. राज्य सरकार की जिम्मेवारी है कि इसे गंभीरता से लिया जाए.