बिहार में पल ऐसे गिर रहे हैं मानों इनका निर्माण सीमेंट से नहीं कागज से हो रहा हो. पुल गिरने का यह सिलसिला कुछ ही दिनों में दो दर्जन के आंकड़े को छूने वाला है. इसमें एक और पुल ने अपनी गिनती दर्ज कराई है. ताजा मामला बिहार के कटिहार जिले से सामने आया है, जहां 10 दिन पहले पुल की ढलाई के बाद पुल गिर गया. करीब दो करोड़ रुपए की लागत से बन रहा यह पुल न जाने किसके भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया.
खबरों के मुताबिक नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण निर्माणाधीन पुल का हिस्सा गिर गया. घटना कटिहार के बरारी प्रखंड के बकिया सुखाय पंचायत के वार्ड नंबर 12/13/14 के अंतर्गत बकिया गांव की बताई जा रही है. यहां सुखाय घाट पर गंगा की धारा में मुख्यमंत्री योजना के तहत पुल निर्माण हो रहा था, लेकिन गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद निर्माणाधीन पुल के दो पाय नदी में समा गए.
घटना को लेकर बकिया सुखाय पंचायत के पूर्व मुखिया ने बताया कि गंगा नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि हुई, जिस कारण कटाव हुआ और निर्माणाधीन पुल के दो पाय टूट कर बह गए. उन्होंने आगे बताया है कि पाया निर्माण में कंपनी ने घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया था. स्थानीय लोगों के मुताबिक 10 दिन पहले ही इसकी ढलाई हुई थी. इतने कम दिनों में पुल के इस तरीके से बह जाने के बाद भ्रष्टाचार का आरोप लग रहा है.
इधर पुल गिरने के बाद अधिकारियों ने मौन व्रत धारण कर लिया है. जिलाधिकारी ने मामले में आधिकारिक जानकारी नहीं होने का हवाला दे दिया.
बिहार में इस तरह से पुलों का गिरना अब राजनीति में पूरी तरह अपनी पकड़ बना चुका है. विपक्ष की ओर से लगातार पुलों के गिरने पर नीतीश सरकार को घेरा जा रहा है. राज्य में पिछले दो महीने के अंदर छोटे-बड़े पुल, पुलिया, एप्रोच पथ मिलकर करीब 20 से ज्यादा पुल नदी में समा गए हैं. जिसे लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कई बार नीतीश कुमार और एनडीए सरकार को घेरा है.