गंगा का पानी दिन-ब-दिन दूषित होता जा रहा है. सबसे शुद्ध और पवित्र मानी जाने वाली गंगा आज के समय में सरकारी योजना और कल कारखानों की गन्दगी के बीच फंस कर रह गई है. गंगा के पानी में लगातार प्रदूषण हो रहा है. बिहार में भी गंगा के मैदानी इलाकों में आर्सेनिक युक्त पानी पीने से लोग बीमार पड़ रहे हैं. आर्सेनिक युक्त गंगा के पानी से लोगों को गॉल ब्लैडर कैंसर की गंभीर बीमारी हो रही है. महावीर कैंसर संस्थान के ताजा शोध में यह जानकारी सामने आई है.
शोध में पाया गया कि गंगा के मैदानी इलाकों में आर्सेनिक युक्त पानी है, जिस कारण गॉल ब्लैडर कैंसर के केस से बढ़ रहे हैं. यह बीमारी खासकर महिलाओं में ज्यादा देखने मिल रही है.
जानकारी के मुताबिक महावीर कैंसर संस्थान के प्रमुख वैज्ञानिक डॉक्टर अशोक कुमार घोष और डॉक्टर अरुण कुमार जापान के टोक्यो में जापान सरकार द्वारा एक करोड़ रुपए के अनुदान से शोध कर रहे है. महावीर कैंसर संस्थान और जापान ने साथ मिलकर इस पर रिसर्च कर समाधान ढूंढने की कोशिश की है. हालांकि पहले ही शोध में यह पता चल चुका था कि गंगा के पानी से कैंसर समस्याएं हो रही है.
साल 2023 में हुए अध्ययन में 152 मरीज के गॉल ब्लैडर के टिशु की जांच में काफी मात्रा में आर्सेनिक जमा था. मरीजों के खून और बालों में भी आर्सेनिक की मात्रा पाई गई थी. साथ ही यह भी पता चला था कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह बीमारी 10% ज्यादा बढ़ रही है.
इस शोध के बाद समाधान निकालने के लिए महावीर कैंसर संस्थान और जापान काम कर रहा है. शोध के नतीजे को जापान के फुकुओका में जापान कैंसर संगठन की 83वीं वार्षिक बैठक में पेश किया जाएगा.