17 सितंबर से बिहार में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला शुरू होने जा रहा है. बिहार के गया में इस महासंगम के लिए तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है. गया में पितृपक्ष मेले के दौरान पिंडदानियों का जमावड़ा लगता है, जिसके लिए रहने-ठहरने, खाने- पीने, साफ-सफाई, स्वास्थ्य, ट्रैफिक और सुरक्षा की तैयारी सरकार ने कर ली है. इसके साथ ही प्रशासन ने भी अपने स्तर से सुरक्षा व्यवस्था के सभी इंतजाम किए हैं. पिंडदानियों की भीड़ को देखते हुए विष्णुपद मंदिर और आसपास के पिंड बेदियों को हाई सिक्योरिटी जोन में बदल दिया गया है. मेले की जिम्मेदारी 5 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों के कंधे पर दी गई है.
पितृपक्ष मेला में 17 हायर जोन, 42 जोन, 324 सेक्टर में सुरक्षा लेयर तैयार की गई. जिसमें 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. पूरे मेले की निगरानी सीसीटीवी के साथ ड्रोन कैमरे से भी की जाएगी. 15 वाच टावर से मेला जोन में बनाए गए हैं.
मेला क्षेत्र, रेलवे स्टेशन, प्रेतशिला के इलाके में पुलिस विशेष नजर रखेगी. सुरक्षा के मद्देनजर सभी सरोवरों, घाटों पर एसडीआरएफ, गोताखोर, लाइव जैकेट और नाव मौजूद रहेंगे. यातायात व्यवस्था को भी सुदृढ़ करने के लिए विस्तृत योजना तैयार की गई है.
विष्णुपद मंदिर इलाके में पिंड दानियों के सुरक्षा के लिए अस्थाई थाने बनाए गए हैं. पुलिस इंस्पेक्टर नीरज कुमार को यहां थाना प्रभारी बनाया गया है. अस्थाई थानों में 10 सब इंस्पेक्टर, 25 से ज्यादा जवानों की तैनाती हुई है. यह सभी राउंड द क्लॉक पूरे मंदिर और उसके इलाके में पिंड वेदियों पर गश्ती करेंगे. थाने में वायरलेस सेट, बैगेज स्कैनर, फायर फाइटर सिस्टम, पैदल गश्ती दल भी मौजूद रहेंगे. क्यूआरटी जवानों को भी रिजर्व रखा गया है.
17 सितंबर से 2 अक्टूबर के बीच मेले में स्वयं सेवा संस्थाओं की तरफ से निशुल्क काउंटर लगाए जाएंगे. स्टॉल लगाने वाले लोगों को लाइसेंस अनिवार्य रहेगा. सड़कों पर या संकीर्ण गलियों में किसी भी तरह के स्टॉल या पंडाल लगाने पर मनाही है. इसके साथ ही मेले में बिजली की समस्या ना हो और रोशनी पर्याप्त रहे, इसके भी खास इंतजाम किए गए हैं. सफाई के लिए हर दिन 700 सफाई कर्मचारियों को लगाया जाएगा.