जाने बिहार में दिव्यांगों को ‘दिव्यांग पेंशन’ के तहत कितनी राशि मिलती है?

दिव्यांगजनों को रोजगार और शिक्षा में समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से RPWD एक्ट 2016 बनाया गया था. एक्ट के तहत सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दिव्यांगों के लिए सीटें आरक्षित हैं.

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दिव्यांग आरक्षण नियम

दिव्यांग आरक्षण नियम

साल 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में दिव्यांग व्यक्तियों की संख्या 2.68 करोड़ है. वहीं बिहार में दिव्यांगो की संख्या 23,31,009 है. बिहार की 3.2% आबादी दिव्यांग है. 

3 दिसंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिव्यांगजनों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर ‘सुगम्य भारत अभियान’ की शुरुआत की थी. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ही सरकारी कार्यालयों, रेलवे स्टेशन, एअरपोर्ट, बस स्टैंड, हॉस्पिटल, पार्क, शॉपिंग मॉल, सिनेमाघर, धार्मिक स्थलों जैसे सार्वजनिक स्थलों को दिव्यांगो के लिए सुलभ बनाया जाना है.

बिहार में दिव्यांग पेंशन योजना के अन्तर्गत 1000 रुपए दिए जाते हैं. वहीं अगर बात करें दूसरे राज्यों की तो, दिल्ली में 2500 रुपए और तमिलनाडु में 2000 रुपए मिलते हैं.

दिव्यांगजनों को रोजगार और शिक्षा में समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से आरपीडब्लूडी (RPWD) एक्ट 2016 बनाया गया था. इस एक्ट के तहत सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दिव्यांगों के लिए सीटें आरक्षित हैं. पहले सरकारी नौकरियों में 3% ही था, लेकिन बाद में उसे बढ़ा कर 4% कर दिया गया. वहीं शिक्षण संस्थानों में दिव्यांगों को 5% आरक्षण दिया गया है.

एक सरकारी आदेश के अनुसार दिव्यांगों के लिए जो पुराने सर्टिफिकेट हैं, अब उनकी जगह यूडीआइडी कार्ड मान्य होगा. करीब 95 प्रतिशत ऐसे दिव्यांग हैं, जिनके पास यह कार्ड ही नहीं है.

Bihar disabled people person with disability UID card