लोकसभा चुनाव 2024 के बाद विधानसभा चुनाव 2025 पर पार्टियों का फोकस सेट हो गया है. आम चुनाव के रिजल्ट की घोषणा के बाद अब विधानसभा के लिए राजनीतिक गुटबाजी हो रही है, जिसकी शुरुआत बिहार में हो चुकी है. लोकसभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार की पार्टी के सदस्य रहे अजीत सिंह ने जदयू का साथ छोड़ दिया है. जदयू को बड़ा झटका देते हुए राजद प्रदेश अध्यक्ष जगतानंद सिंह के छोटे बेटे अजीत सिंह ने फिर से राजद ज्वाइन कर लिया है.
विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी
बुधवार को राजद ज्वाइन करने के बाद उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी है. चर्चा तेज हो गई है कि अजीत सिंह विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में है, जिसके लिए उन्होंने नीतीश कुमार को टाटा बाय-बाय कर दिया है.
दरअसल रामगढ़ संसदीय सीट से जगतानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह सांसद निर्वाचित हो गए थे. इसके बाद रामगढ़ विधानसभा सीट खाली हो गई, जहां उपचुनाव कराए जाएंगे. इसी उपचुनाव के लिए राजद ने अपनी तैयारी शुरू की है. इधर अजीत सिंह से पूछने पर कि वह रामगढ़ उपचुनाव लड़ेंगे या नहीं, उन्होंने कहा कि पार्टी जो भी फैसला लेगी वह उन्हें मान्य होगा.
बता दें कि अजीत सिंह पहले भी लालटेन के साथी रह चुके हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने जदयू ज्वाइन कर लिया था. कुछ महीने जदयू में रहने के बाद उनका नीतीश कुमार की पार्टी से मोह भंग हो गया और वह वापस अपने पिता की पार्टी में चले गए. जदयू छोड़ने का कारण अजीत सिंह ने संविधान विरोधी सांप्रदायिक शक्तियों को पराजित करना बताया. उन्होंने कहा मैं अब इंडिया गठबंधन के समर्थन में प्रचार-प्रसार करूंगा.
बुधवार को राजद के राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव ने अजीत सिंह को पार्टी की सदस्यता दिलाई. इस दौरान राजद के राष्ट्रीय महासचिव बिनु यादव भी मौजूद रहे.