जमीन घोटाला मामला: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से लगातार समन भेजा जा रहा था. 5वीं बार भी समन के बाद भी हेमंत सोरेन ईडी के सामने पेश नहीं हुए और समन के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की.
हेमंत सोरेन की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन की याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने हेमंत सोरेन की याचिका को सुनवाई के लायक नहीं बताया है.
कोर्ट ने सोरेन को दिया झटका
हेमंत सोरेन ने ईडी के समन को गलत बताया था. और पांच बार उनके सामने पेश नहीं हुए थे. सीएम सोरेन रिट याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें झारखंड हाई कोर्ट जाने की सलाह दी थी. जिस पर आज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सोरेन को झटका दिया है.
जमीन घोटाला मामले में पूछताछ के लिए सीएम हेमंत सोरेन को बुलाया जा रहा है. उन्हें पहली बार 14 अगस्त को, दूसरी बार 24 अगस्त को, तीसरी बार 9 सितंबर को, चौथी बार 23 सितंबर को और पांचवीं बार 4 अक्टूबर को रांची स्थित ईडी कार्यालय में बुलाया गया था.
हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन की याचिका खारिज
रिट याचिका में हेमंत सोरेन ने कहा था कि कोर्ट का फैसला आने तक वह ईडी के सामने पेश नहीं होंगे. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट के फैसले के बाद सीएम हेमंत सोरेन आगे क्या करते हैं.
फैसले के बाद बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता सहदेव ने कहा है कि मुख्यमंत्री कितने भी दरवाजे खटखटा लें, उन्हें ईडी के दरवाजे पर ही जाना होगा. पहले सुप्रीम कोर्ट और आज हाईकोर्ट ने भी आपकी याचिका खारिज कर दी, आपको कहीं से कोई राहत नहीं मिली है.
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि जिस तरह से मुख्यमंत्री भागते दिख रहे हैं उससे साफ पता चलता है कि वह राज्य में हुए 70 हजार करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल हैं. उन्होंने कहा है कि अभी भी समय है कि ईडी का सामना किया जाए और महंगे वकीलों पर पैसा खर्च करना बंद किया जाए.