यूपी के कन्नौज लोकसभा सीट पर चुनावी मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है. भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक (Subrat Pathak) के कन्नौज से नामांकन दाखिल करने के बाद आज गुरूवार 25 अप्रैल को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी यहां से नामांकन दाखिल कर दिया है. कन्नौज लोकसभा सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को हराया था. इससे पहले यह सीट यादव परिवार का गढ़ मानी जाती थी.
नामांकन दाखिल करने से पहले अखिलेश यादव (akhilesh yadav) ने सोशल मीडिया एक्स पर अपनी दो तस्वीरें भी शेयर की. यह तस्वीर उस वक्त की है जब अखिलेश यादव ने पहली बार नामांकन किया था. इन तस्वीरों को शेयर करते हुए अखिलेश ने लिखा, 'फिर इतिहास दोहराया जाएगा, अब नया भविष्य बनाया जाएगा.'
वहीं बीजेपी प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने कन्नौज में अखिलेश यादव के नामांकन दाखिल करने पर कहा कि अब यहां मुकाबला बराबरी का हो गया है. दरअसल, अखिलेश यादव ने पहले यहां से अपने भतीजे तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाया था. लेकिन पार्टी वर्कर्स ने उनकी उम्मीदवारी को बाहरी कहकर नकार दिया. जिसके बाद अखिलेश यादव ने खुद यहां से नामांकन दाखिल किया है.
भारत बनाम पाकिस्तान का मुकाबला
अखिलेश के नामांकन दाखिल करने पर बीजेपी प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने कहा अब मुकाबला भारत बनाम पाकिस्तान का मैच हो गया है. सुब्रत पाठक ने कहा जब तेज प्रताप को उम्मीदवार बनाया गया, तब मुकाबला एकतरफा था लेकिन अब बराबर की टक्कर होगी. पाठक ने कहा कि अगर तेज प्रताप के साथ मैच होता तो भारत बनाम नेपाल के क्रिकेट मैच जैसा होता लेकिन अखिलेश के साथ मुकाबला भारत बनाम पाकिस्तान जैसा होगा.'
2019 में सुब्रत पाठक के जीत से पहले कन्नौज लोकसभा सीट सपा का गढ़ रही है. 1999 में मुलायम सिंह यादव के यहां से लोकसभा चुनाव जीता था. वहीं अखिलेश यादव पहली बार यहां से उपचुनाव जीतकर सांसद बने थे. इसके बाद 2004, 2009 और 2012 में भी अखिलेश यादव ने यहां से जीत दर्ज किया था. 2012 में अखिलेश के इस्तीफा देने के बाद डिंपल यादव ने यहां से उपचुनाव जीता था. 2014 के मोदी लहर में भी सपा कन्नौज सीट बचाने में कामयाब रही थी. ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज सीट पर बीजेपी और सपा के बीच का मुकाबला दोनों की साख से जुड़ गया है.