महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिर गई. इस मूर्ति का अनावरण 8 महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया था. सोमवार दोपहर 1:00 मूर्ति गिरने की घटना हुई. 35 फीट ऊंची प्रतिमा गिरने के बाद विपक्षी दलों ने राज्य सरकार की आलोचना शुरू कर दी है और प्रतिमा की गुणवत्ता पर सवाल उठाया जा रहा है.
महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे ने शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के पीछे तेज हवाओं को जिम्मेदार ठहराया. सीएम ने सोमवार देर शाम बयान दिया कि 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही थी, जिससे प्रतिमा गिर गई. उन्होंने आगे कहा कि हम इसे दोबारा मजबूत तरीके से बनाएंगे.
इधर घटना के बाद एनसीपी(शरद गुट), शिवसेना(यूबीटी) समेत कई विपक्षी दलों ने एनडीए सरकार की आलोचना शुरू की है. आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया कि चुनाव को देखते हुए मूर्ति को जल्दबाजी में बनवाया गया. जिस कारण उसके क्वालिटी से समझौता हुआ. उन्होंने कहा कि केवल 8 महीने में यह मूर्ति ढह गई. इसके पीछे का मकसद शिवाजी महाराज की छवि इस्तेमाल करना था.
मूर्ति गिरने के बाद पुलिस ने ठेकेदार और संरचनात्मक सलाहकार के खिलाफ मामला दर्ज किया है. फिलहाल मूर्ति के गिरने का कारण साफ नहीं हो पाया है. पीडब्ल्यूडी और नेवी के अधिकारी मंगलवार को घटनास्थल पहुंचकर जांच करेंगे.
बता दें कि पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के मौके पर पीएम ने मूर्ति का अनावरण किया था. भाजपा नेता रविंद्र चव्हाण ने बताया कि शिवाजी महाराज के प्रतिमा की स्थापना के लिए महाराष्ट्र सरकार ने नवी को 2.36 करोड़ रुपए दिए थे. नेवी ने ही प्रतिमा बनाने वाले आर्टिस्ट का चयन और डिजाइनिंग की प्रक्रिया को पूरा किया था.