प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को बिहार आ रहे हैं. 11 सालों के बाद पीएम मोदी बिहार की राजधानी में चुनावी कार्यक्रम करेंगे. 11 साल पहले पीएम मोदी का पटना आगमन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया था. 2013 में पीएम मोदी ने पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में चुनावी सभा को संबोधित किया था, जिस दौरान गांधी मैदान में करीब 8 सीरियल ब्लास्ट हुए थे.
2013 में मोदी पीएम नहीं थे,मोदी उस समय गुजरात के तत्कालीन सीएम और भारत के लोकप्रिय नेता थे. हालांकि तब तक मोदी को भाजपा की ओर से पीएम कैंडिडेट बना दिया गया था. पीएम कैंडिडेट मोदी ने 27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में भाजपा की हुंकार रैली को संबोधित किया था. गांधी मैदान मोदी को सुनने के लिए खचाखच भरा हुआ था.
गांधी मैदान ब्लास्ट
गांधी मैदान में मोदी के जयकारों के बीच सीरियल ब्लास्ट की गूंज ने पटना को सन्न कर दिया था. गांधी मैदान में मंच से मोदी समेत कई नेता भाषण दे रहे थे, तभी मंच से कुछ मीटर की दूरी पर ब्लास्ट को अंजाम दिया जा रहा था. इन बम धमाकों में गांधी मैदान में 6 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 80 से ज्यादा लोग हुंकार रैली के ब्लास्ट में घायल हो गए थे.
ब्लास्ट नहीं पटाखे की आवाज
गांधी मैदान में मोदी को सुनने के लिए सैकड़ो की भीड़ इकट्ठा हुई थी. अगर उस भीड़ में भगदड़ मच जाती तो और भी मौतें हो सकती थी. लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को आतंकी हमले का सुराग लग गया था और नेताओं की सूझबूझ ने हजारों लोगों की जान बचा ली थी. दरअसल धमाके को नेताओं ने पटाखा बात कर भगदड़ को रोक लिया था. लेकिन बम धमाके को अंजाम देने वाले अपराधी भीड़ से सफाई से निकलने में कामयाब रहे थे.
पटना जंक्शन पर ब्लास्ट
अक्टूबर 2013 में पीएम की रैली के दौरान गांधी मैदान के अलावा पटना जंक्शन पर भी बम धमाके की तैयारी की गई थी. आतंकियों की पूरी प्लानिंग थी कि वह गांधी मैदान में बम विस्फोट करेंगे, जिससे मैदान के अंदर भगदड़ मच जाएगी और काफी संख्या में लोग मारे जाएंगे. इसके अलावा पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 10 पर भी आतंकियों ने बम विस्फोट की योजना बनाई थी, जिसमें से एक योजना सफल रही थी. सुबह करीब 9:00 पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 10 पर एक धमाका हुआ था. हालांकि दूसरा धमाका होने से पहले आतंकी को पकड़ लिया गया था.
बम धमाकों का समय
बम धमाके के घटनाक्रम पर नजर डालें तो पहला ब्लास्ट सुबह 9:30 बजे पटना जंक्शन पर हुआ था. दूसरा ब्लास्ट सुबह 11:40 में गांधी मैदान के बाहर उद्योग भवन के पास हुआ था. तीसरा ब्लास्ट आतंकियों ने 12:05 में गांधी मैदान के बाहर रीजेंट सिनेमा के पास किया था. चौथा ब्लास्ट 12:10 में गांधी मैदान में बापू की पुरानी प्रतिमा के पास हुआ था. पांचवा ब्लास्ट 12:15 में गांधी मैदान के दक्षिणी हिस्से में ट्विन टावर के पास. छठा ब्लास्ट दोपहर 12:20 में गांधी मैदान के पश्चिमी हिस्से के स्टेट बैंक के पास और सातवां ब्लास्ट दोपहर 12:45 में गांधी मैदान के बाहर चिल्ड्रन पार्क के पास हुआ था.
4 आरोपी को मौत की सजा
इस सिलसिलेवार ब्लास्ट में 8 साल में आठ आरोपियों को सजा दी गई है. नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी कोर्ट ने चार आतंकियों इम्तियाज, हैदर अली, नीमन अंसारी और मुजीबुल्लाह को मौत की सजा सुनाई थी. दो आतंकी उमर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी, जबकि सबूत के अभाव में आरोपी फखरुद्दीन को बरी किया गया था. अहमद हुसैन और फिरोज आलम को 10 साल की सजा और इफ्तिखार को 7 साल की सजा गांधी मैदान ब्लास्ट के मामले में सुनाई गई थी.