भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राष्ट्रीय महासचिव अतुल कुमार अंजान (Atul Kumar Anjan) का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार 3 मई की सुबह निधन हो गया है.अतुल अंजान पिछले एक महीने से लखनऊ के मेयो अस्पताल में भर्ती थे. अतुल अंजान कैंसर से जूझ रहे थे. अतुल अंजान (Atul Anjan) ने 1977 में लखनऊ विवि छात्रसंघ चुनाव से अपनी राजनीति करियर की शुरुआत की थी.
लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में अतुल अंजान अध्यक्ष के तौर पर चुने गये थे. 20 वर्ष की उम्र में ही अपनी प्रखर वाक्य क्षमता के कारण अंजान छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय हो गये. छात्रों की समस्याओं को मुखर रूप से उठाने के कारण अंजान चार बार अध्यक्ष के तौर पर चुने गये थे. अंजान के प्रखर वक्ता होने का एक कारण, उनका छह से अधिक भाषओं का जानकार होना भी था. अतुल अंजान छात्र जीवन में ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) में शामिल हो गये हैं.
अपने राजनीतिक जीवन में अतुल अंजान को जेल भी जाना पड़ा था. उन्हें चार साल नौ महीने जेल में गुजारने पड़े थे. उत्तर प्रदेश के पुलिस पीएससी विद्रोह में भी अतुल अंजान ने खुलकर भाग लिया था.
अतुल अंजान के निधन पर मुख्तार अब्बास नकवी ने शोक जताते हुए एक्स पर पोस्ट किया है “दमदार जननेता, बेहतरीन इन्सान, संघर्ष, संकल्प, समरसता की सशक्त शख्सियत, कामरेड अतुल अंजान का निधन समाचार दुखद और विचलित करने वाला है, ईश्वर उनके परिवार-मित्रों, साथियों को इस दुख को सहने की शक्ति दे,