झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन जमीन घोटाला मामले में 31 जनवरी से जेल में बंद है. हेमंत सोरेन अपने जमानत के लिए कई तरीके अपना रहे हैं, जिसके लिए वह पीएमएलए कोर्ट से हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटा चुके हैं. हेमंत सोरेन को 3 महीने बाद आज कोर्ट से पहली राहत मिली है. कोर्ट में हेमंत सोरेन ने 3 दिन के प्रोविजनल बेल की याचिका दयार की थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर दिया है. शुक्रवार को जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय की कोर्ट में हेमंत सोरेन के बेल मामले पर सुनवाई हुई, जिसमें अदालत ने हेमंत सोरेन को चाचा के श्राद्धकर्म में शामिल होने की इजाजत दे दी है. अदालत ने कहा कि परिजनों के अंतिम संस्कार में शामिल होना व्यक्ति का अधिकार है, इसलिए हेमंत सोरेन अपने चाचा के श्राद्धकर्म में शामिल हो सकेंगे.
कोर्ट- मीडिया से दूर रहेंगे
हालांकि कोर्ट ने इसके साथ हेमंत सोरेन को मीडिया से दूर रहने के लिए हिदायत दी है. हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने कहा कि अदालत ने प्रोविजनल बेल संबंधी याचिका को खारिज करने के साथ ही 6 मई को पुलिस कस्टडी में हेमंत सोरेन को चाचा के श्राद्ध कर्म में शामिल होने की इजाजत दी. लेकिन इस दौरान वह मीडिया से बातचीत और किसी भी राजनीति कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकेंगे.
गिरफ्तारी याचिका खारिज
हेमंत सोरेन के मामले पर सुनवाई करते हुए आज हाईकोर्ट में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को कोर्ट ने खारिज किया है. 28 फरवरी को ही कोर्ट ने इस पर फैसला सुरक्षित रख दिया था. हेमंत सोरेन की ओर से कोर्ट में कहा गया था कि ईडी जिस जमीन की बात कर रहा है वह जमीन उनके नाम पर नहीं रही है. इस मामले पर हाईकोर्ट फैसला नहीं सूना रहा था. जिसके बाद हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की थी. जिस पर 6 मई को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा.
मालूम हो कि हेमंत सोरेन के चाचा राजाराम सोरेन लंबे समय से बीमार चल रहे थे, जिसके बाद कुछ दिनों पहले ही उनका निधन हो गया. चाचा के निधन के बाद हेमंत सोरेन में कोर्ट से श्राद्धकर्म में शामिल होने की इजाजत मांगी थी.
इधर पीएमएलए कोर्ट ने आज हेमंत सोरेन के जमानत को 16 दिनों के लिए बढ़ा दिया है. अब हेमंत सोरेन 16 मई तक रांची के होटवार जेल में बंद रहेंगे.