झारखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल रोकने के लिए विधेयक- 2023 को पारित कर दिया गया है. विधेयक पर गुरुवार को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मोहर लगा दी है. राज्यपाल से इस विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद अब यह कानून राज्य में लागू कर दिया जाएगा.
इस कानून के अनुसार अगर कोई व्यक्ति पेपर लीक और नकल के मामले में दोषी पाया जाता है तो उसे कम से कम 10 साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाएगी. साथ ही 10 करोड़ रुपए का जुर्माना भी दोषी पर लगाया जाएगा. नए कानून का नाम झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम निवारण) के उपाय अधिनियम 2023 है.
परीक्षा में नक़ल करते पकड़े जाने पर 10 लाख का जुर्माना
विधेयक के अनुसार अगर कोई अभ्यार्थी पहली बार परीक्षा में नक़ल करते हुए पकड़ा जाता है उसे 1 साल की सजा होगी और 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा. दूसरी बार पकड़े जाने पर 3 साल की सजा और 10 लाख जुर्माना चुकाना होगा. अभ्यर्थी को 10 सालों तक किसी प्रतियोगी परीक्षा में शामिल नहीं किया जाएगा.
पेपर लीक और नल से जुड़े मामले में बिना प्रारंभिक जांच के फिर गिरफ्तारी का भी प्रावधान किया गया है. राज्य लोक सेवा आयोग, राज्य कर्मचारी चयन आयोग, भर्ती एजेंसियों, निगम और निकायों द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षा में यह कानून मान्य होगा.
विधेयक के पेश होने पर काला कानून बताया
प्रिंटिंग प्रेस, परीक्षा आयोजित करने वाले प्रबंधक, परिवहन से जुड़ा कोई व्यक्ति कोचिंग संस्थान साजिशकर्ता की भूमिका में दोषी पाया जाता है तो उसे भी 10 साल की सजा से लेकर आजीवन कारावास होगी. दोषी को 2 करोड़ से 10 करोड़ रुपए तक का जुर्माना चुकाना पड़ सकता है.
विधानसभा में इस विधेयक के पेश होने के बाद इसपर बहुत हंगामा हुआ था. विपक्ष ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए इसे काला कानून बता दिया था. विपक्ष के विधायकों ने विधेयक की कॉपी तक फाड़ दी थी.