राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस अब एनडीए से बाहर होते हुए नजर आ रहे हैं. रामविलास पासवान की पार्टी रालोजपा से पशुपति पर चिराग पासवान ने अलग-अलग पार्टी का गठन किया. मगर यह दोनों एनडीए के साथ शामिल रहें. हालांकि अब पारस ने अपने सोशल मीडिया से ‘मोदी का परिवार’ हटा लिया है, जिससे उनके एनडीए से अलग होने की संभावना जताई जा रही है.
पशुपति पारस को एनडीए की बैठकों में भी बुलाया नहीं जाता है. सोमवार को भी पटना में एनडीए के प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ, जिसमें पारस की पार्टी को आमंत्रण नहीं भेजा गया था. इससे यह साफ हो रहा है कि पारस की अब एनडीए से अनौपचारिक विदाई हो गई है.
बीते दिन चिराग पासवान ने भी मीडिया से बातचीत करते हुए पशुपति पारस को एनडीए से अलग बताया था. उन्होंने चाचा पारस पर तंज करते हुए कहा था कि वह एनडीए में है कहां जो वह छोड़ने की बात कर रहे हैं. उन्हें पार्टी की किसी भी बैठक में नहीं बुलाया जाता है.
पारस की पार्टी को लोकसभा चुनाव से पहले टिकट बंटवारे के दौरान एक भी सीट नहीं मिली थी. इसके बाद उन्होंने अपने सोशल मीडिया से ‘मोदी का परिवार’ हटा दिया था. हालांकि बाद में भाजपा नेताओं ने उन्हें मना लिया और वह एक बार फिर ‘मोदी का परिवार’ से जुड़ गए. लेकिन अब एक बार फिर उनके सोशल मीडिया से ‘मोदी का परिवार’ गायब हो गया है. इसके अलावा दफ्तर खाली करने के बाद पारस की नाराजगी और बढ़ गई है.
वहीं रालोजपा की बैठक में पार्टी नेताओं की ओर से 243 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी चल रही है. बता दें कि रामविलास पासवान वाले दफ्तर में 3 साल बाद चिराग पासवान की एंट्री हुई है. इस दफ्तर में पहले पशुपति पारस का बसेरा और दफ्तर दोनों हुआ करता था. इन घटनाओं से रालोजपा और एनडीए के बीच रिश्ते बिगाड़े गए.