पटना: 26 को होगी जेडीयू की "भीम संसद" का आयोजन, कई वरिष्ठ नेता होंगे शामिल

बिहार की सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड(जेडीयू) 26 नवंबर को पटना में भीम संसद का आयोजन कराने वाली है. पटना में होने वाले भीम संसद कार्यक्रम को लेकर राजधानी को पोस्टरों से सजा दिया गया है.

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जदयू की भीम सांसद

26 को होगी जेडीयू की "भीम संसद" का आयोजन

जदयू पूरी तरह से आने वाले लोकसभा चुनाव  के लिए तैयार नजर आ रही है. नीतीश-तेजस्वी की सरकार ने चुनाव को ध्यान में रखते हुए इंडिया गठबंधन के साथ अपना नाता जोड़ लिया है. अब वह वोटरों को साधने के लिए जमीनी स्तर पर कई कार्यक्रम करवाने की ओर रुख कर रही है.

बिहार की सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड(जेडीयू) 26 नवंबर को पटना में भीम संसद का आयोजन कराने वाली है. पटना में होने वाले भीम संसद कार्यक्रम को लेकर राजधानी को पोस्टरों से सजा दिया गया है. पोस्टर में नीतीश कुमार को साफ तौर पर दूर से ही देखा जा सकता है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी पोस्टर में जगह दी गई है.

भीम संसद के इस कार्यक्रम से नीतीश कुमार दलित वोट बैंक को साधने के तैयार नजर आ रहे हैं. जदयू नेताओं ने दावा किया है कि भीम संसद में एक लाख से ज्यादा लोग शामिल होंगे. कार्यक्रम में पार्टी के कई दलित मंत्रियों और नेताओं को आने के लिए न्योता भेजा गया है.

नीतीश कुमार ने दलित समाज को आर्थिक रूप से बढ़ने का काम

गौरतलब है कि बीते दिन ही नीतीश कुमार ने पिछड़ी जाति से आने वाले जीतन राम मांझी पर जमकर प्रहार किया था. जिसके बाद मांझी ने दलितों का अपमान बताते हुए भी उन पर पलटवार किया था. 

बिहार में पहले भी कई बार जातियों के आधार पर वोट मांगने का सिलसिला देखा जा चुका है. अब बिहार में जातीय गणना के बाद भीम संसद क्या रंग लाती है, दलित वोट बैंक नीतीश कुमार का कितना असर होता है यह आगामी चुनाव में देखने वाला होगा.

जदयू के मंत्री अशोक चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि नीतीश कुमार ने दलित समाज को आर्थिक रूप से बढ़ने का काम किया है. इसके साथ ही मंत्री अशोक चौधरी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि वह दलित का अपमान करते हैं. सम्मान कर रहे होते हैं तो जीतन राम मांझी का समर्थन क्यों नहीं किया.

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