बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में से एक IGIMS में सोमवार की आधी रात खूब हल्ला-हंगामा हुआ. आधी रात को मरीज के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर परिजनों ने डॉक्टर के साथ जमकर मारपीट की.
सोमवार की रात परिजन और डॉक्टर दोनों ओर से हुए इस मारपीट में पहले सीनियर डॉक्टर के साथ परिजन भीड़ गए, जिसकी खबर सुन 150 के करीब मेडिकल छात्र भी मौके पर पहुंच गए और दोनों पक्षों के बीच में जमकर लात-घुसे चले. इस मारपीट में दोनों पक्षों की ओर से कई लोग घायल हो गए हैं. मारपीट के दौरान अस्पताल के अंदर एक परिजन ने रिवाल्वर भी निकाल कर लहराई.
इमरजेंसी सेवा हुई बाधित
इस पूरे विवाद की सूचना मिलने पर मौके पर देर रात ही पुलिस पहुंची और मामले को शांत कराया. पुलिस ने चार नामजद और 6 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. इस पूरे मारपीट में घंटो अस्पताल में इमरजेंसी इलाज बाधित रहा.
घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने मरीज के परिजन सृजन सिंह, चंद्रभान सिंह, सूरजभान सिंह और अभिषेक सिंह के खिलाफ शास्त्री नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई है. IGIMS के उपनिदेशक ने बताया कि आरा निवासी कुसुम लता देवी 24 फरवरी को इलाज करने के लिए अस्पताल आई थी. उन्हें इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था. मरीज कुसुम लता देवी का इलाज वेंटिलेटर पर चल रहा था. मरीज का किडनी, हार्ट और लंग्स तीनों फेल है. सोमवार को परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर डॉक्टर से बहस करनी शुरू की, जिसके बाद बहस बढ़ गई और मारपीट तक पहुंच गई.
परिजनों और डॉक्टर के बीच मारपीट
पहले यह बहस डायलिसिस को लेकर शुरू हुई, इसके बाद रेडियोलॉजिस्ट से भी परिजन उलझ गए. महिला डॉक्टर से भी परिजनों ने धक्का-मुक्की की और अस्पताल में रिवाल्वर भी लहराया.
इस पूरे घटना पर सचिवालय डीएसपी सुनील कुमार ने कहा कि घटना की सूचना मिली है. IGIMS के ट्रॉमा सेंटर में एक मरीज के परिजनों और डॉक्टर के बीच मारपीट हुई है इसके बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया है. परिजनों की तरफ से भी लिखित शिकायत मिली है और अस्पताल ने भी शिकायत दर्ज कराया है. आगे की कार्रवाई की जा रही है.
इस पूरी घटना के बाद विपक्षी दल राजद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरते हुए कहा कि कुछ दिन तो संभाल लेते.