पटना: सनातन विरोधी बयान पर उदयनिधि स्टालिन को MP-MLA कोर्ट ने भेजा नोटिस, 13 फ़रवरी को पेश होने का दिया आदेश

उदयनिधि को सनातन धर्म पर किए गए अपमानजनक बयान को लेकर पटना के MP-MLA कोर्ट ने समन भेज कर 13 फरवरी को पूछताछ के लिए पेश होने कहा है. बीते साल २ सितंबर को उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना बीमारियों से की थी.

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स्टालिन के बयान पर नोटिस

सनातन विरोधी बयान पर उदयनिधि स्टालिन को MP-MLA कोर्ट ने भेजा नोटिस

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन को पटना के एक कोर्ट की तरफ़ से समन जारी किया गया है.

15 जनवरी को उदयनिधि को सनातन धर्म पर किए गए अपमानजनक बयान को लेकर कोर्ट ने पूछताछ के लिए समन भेजा है. बीते साल सितंबर में उदयनिधि ने अपने बयान में सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना जैसी बीमारियों से की थी. जिसके खिलाफ पटना में शिकायत दर्ज कराई गई थी. पटना के एमपी-एमएलए अदालत ने इसी मामले में उदयनिधि स्टालिन को 13 फरवरी को अदालत में हाजिर होने के लिए समन जारी किया है.

उदयनिधि के बयान के बाद वकील डॉक्टर कौशलेन्द्र नारायण ने सीजेएम कोर्ट में केस दायर किया था. इसके बाद केस को पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था. 6 दिसंबर को एमपी-एमएलए कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन को आईपीसी की कई धाराओं के तहत समन भेजा था. उदयानिधि के खिलाफ धारा 153(ए),‌ 295 (ए) भारतीय दंड संहिता की धारा 298, 500 और 504 के तहत दायर किया गया था.153 (ए), 295 (ए) गैर जमानती है. इन धाराओं में दोषी करार पेश होने पर 3 साल की सजा का प्रावधान है.

पूरा मामला बीते साल 2 सितंबर का है. 2 सितंबर को तमिलनाडु के एक शहर में सभा के दौरान भाषण देते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे ने सनातन धर्म की तुलना बीमारियों से की थी. साथ ही यह भी कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि नष्ट कर देना चाहिए.

इसी बयान पर कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन को व्यक्तिगत रूप से या वकील के माध्यम से कोर्ट में पेश होने के लिए आदेश जारी किया है. मालूम हो कि उदयनिधि तमिलनाडु सरकार में मंत्री भी हैं. 

4 महीने पहले दिए गए उदयनिधि स्टालिन के बयान पर देश में खूब घमासान मचा था. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने उदयानिधि को देशद्रोही करार कर दिया था. भाजपा के मंत्री ने उदयनिधि स्टालिन ने गिरफ्तारी की भी मांग की थी और कहा था उदयनिधि को जेल भेजा जाना चाहिए. 

एमपी-एमएलए कोर्ट की स्पेशल जज सारिका वाहलिया ने इस पर सुनवाई करते हुए उदयानिधि को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपों का जवाब देने के लिए समन भेजा है. 

इसके अलावा चेन्नई में भी लेखकों के सम्मेलन में बोलते हुए तमिलनाडु के मंत्री ने यह तर्क दिया था कि सनातन धर्म स्वाभाविक रूप से प्रतिगामी है. लोगों को जाति और लिंग के आधार पर विभाजित करने वाला मूल रूप से समानता और सामाजिक न्याय का विरोध करता है.

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