पटना में कोचिंग संस्थानों की जांच जारी है. पहले दिन कोचिंग संस्थानों के जांच में कई तरह की अनियमितताएं दर्ज की गई. जिसमें कोचिंग के अंदर बुनियादी सुविधाओं की कमी, आपात परिस्थितियों से निपटने के इंतजाम, कोचिंग क्लासेस में क्षमता से अधिक बच्चें इत्यादि शामिल थे.
जांच में इतनी खामियों के बाद पटना डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने बुधवार को एक बैठक की. इस बैठक में पटना के प्रमुख कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया, जिन्हें डीएम ने बिहार कोचिंग रेगुलेशन एक्ट के प्रावधानों के अनुसार एक माह में व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया. डीएम ने बैठक में यह भी सलाह दी कि शहर के बाहर किसी स्थान पर कोचिंग सिटी या कोचिंग विलेज को विकसित किया जाए. दरअसल शहर में कोचिंग स्टूडेंट की काफी भीड़-भाड़ रहती है. इसके अलावा कोचिंग में भी सही सुविधा नहीं मिल पाती.
डीएम ने कहा कि पटना शहर विकसित हो रहा है. कोचिंग संचालन भी दीर्घकालीन व्यवस्था के तौर पर भीड़-भाड़ वाली जगह से अलग शहर से बाहर आधुनिक मानकों के अनुसार विकसित किए जाए. कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों ने इसके लिए भी बियाडा से जमीन की मांग की है. इनके अलावा पटना डीएम ने कई कोचिंग संचालकों को रजिस्ट्रेशन करने के लिए भी कहा है. जिसके लिए एक महीने का समय दिया गया है.
इन दिनों 7 टीम कोचिंगों की जांच कर रही है, जिसके कारण शहर के कई कोचिंग संस्थानों में ताला लटका हुआ है. कई कोचिंग संस्थानों की ओर से शिक्षकों की कमी या कोई अन्य कारण बंद को लेकर दिया जा रहा है.
मंगलवार को पहले दिन 60 कोचिंग संस्थानों की जांच की गई, जहां बुनियादी सुविधाएं, बेसमेंट, पार्किंग, शौचालय, फायर सेफ्टी ,छात्रों के आने-जाने के रास्ता समेत कई खामियां दर्ज की गई. इनके मद्देनजर ही पटना डीएम ने बैठक बुलाई थी. बैठक में कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों के अलावा एसपी राजीव मिश्रा, नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पाराशर, सदर एसडीओ श्रीकांत कुंडली खांडेकर इत्यादि अधिकारी मौजूद रहे.