बिहार विधानसभा के मानसून सत्र में सदन पेपर लीक और विशेष राज्य के दर्जे पर पूरी तरह से गर्म है. सदन में राज्य सरकार विपक्षी सरकार से घिर चुकी है. तो इधर पटना के सड़कों पर भी पासवान समाज के लोग सरकार को घेरने उतरे हैं. मंगलवार को पटना की सड़कों पर विधानसभा घेराव करने के लिए पासवान समाज के लोग उतरे. विरोध प्रदर्शन के दौरान इनपर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है. पासवान समाज के लोग आरक्षण की मांग को लेकर विधानसभा घेरने निकले थे. कारगिल चौक से शुरू हुआ यह मार्च अपने गंतव्य की ओर जा रहा था. नीले झंडे, डंडे और बाबा साहब की प्रतिमा के साथ आंदोलनकारी नारा लगाते हुए चल रहे थे. इसी दौरान जेपी गोलंबर पर पुलिस ने बैराकेडिंग लगाकर आंदोलनकारियों को रोक लिया.
जेपी गोलंबर के पास पुलिस और आंदोलनकारी के बीच में हल्की धक्का-मुक्की भी हुई. जहां पुलिस ने सभी को लौटने के लिए कहा, लेकिन आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर आगे बढ़ना चाहते थे. जिस कारण पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. इस लाठीचार्ज में कुछ आंदोलनकारी को चोट भी आई है.
पटना सदर एसडीएम श्रीकांत कुंडली खांडेकर ने कहा कि कोई भी लाठीचार्ज नहीं हुआ है. आंदोलनकारियों को लाठी से नहीं मारा गया, बल्कि राहगीरों की गाड़ी पर लाठी चलाया गया. जिससे भीड़ को हटाया जा सके. इस आंदोलन में चार-पांच लोगों को हिरासत में भी लिया गया है.
पासवान समाज के लोग चौकीदार-दफादारी पद पर 80% आरक्षण की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही समाज के कुल देवता बाबा चौहरमल की तीर्थस्थली चारडीह मोकामा मंदिर स्मारक के निर्माण की मांग कर रहे हैं. राजधानी में बिहार के पूर्व सीएम भोला पासवान और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के स्मारक के निर्माण की भी मांग दूधाद समाज के लोग कर रहे हैं पासवान समाज के लोगों ने भारतीय सेना में रेजिमेंट गठन की भी मांग रखी है. टोला सेवक एवं विकास मित्र में पासवान समाज की नियुक्ति करने की भी मांग और बिहार में 65% आरक्षण को फिर से बहाल करने की भी मांग रखी है.