बिहार के डिप्टी सीएम ने अयोध्या नगरी में बन रहे राम मंदिर और उसके उद्घाटन पर बीते दिन बुधवार को मधुबनी के झंझारपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राम मंदिर को लेकर विवादित बयान दिया था.
डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा था कि भगवान राम को मोदी जी की कोई जरूरत नहीं है. भगवान राम चाहते तो खुद ही अपना मंदिर हर जगह बनवा लेते. लेकिन देश के पीएम यह दिखा रहे हैं कि भगवान राम को उन्होंने ही घर दिया है.
डिप्टी सीएम के इस बयान के बाद राज्य में तेजस्वी यादव के खिलाफ राजनीतिक पार्टियों की तरफ से टिप्पणियां होने लगी है. बिहार भाजपा ने तेजस्वी यादव को उनके राम मंदिर वाले बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है.
तेजस्वी यादव के बयान के बाद पहले गिरिराज सिंह ने उनके बयानों पर हमला बोला था. सांसद गिरिराज सिंह ने कहा है कि सैकड़ो सालों के संघर्ष के बाद राम मंदिर का निर्माण हुआ है. हिंदुओं की आस्था एक बार फिर से जाग रही है और बिहार के डिप्टी सीएम इसमें विघ्न डाल रहे हैं. अगर राम मंदिर की जरूरत नहीं है तो पटना के हज भवन में भी अस्पताल खुलवा दिया जाए.
इसके साथ ही सांसद ने लालू यादव को भी अपने निशाने पर लेते हुए कहा कि जब अयोध्या में राम भक्तों पर लाठी चल रही थी, उस समय भी लालू प्रसाद यादव ने मुलायम सिंह का समर्थन किया था.
गिरिराज सिंह के बाद अब पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी तेजस्वी यादव के बयान पर कहा है कि आम लोगों को राम और रोटी दोनों की जरूरत होती है. इसके साथ ही सुशील मोदी ने कहा कि इंडिया गठबंधन मुसलमानों को खुश करने के लिए हिंदू देवी देवताओं पर बयानबाजी कर रही है.
मन की शांति के लिए मंदिर
उन्होंने आगे कहा कि तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम के साथ-साथ स्वास्थ्य मंत्री भी है. वह सारे मंदिर तुड़वाकर अस्पताल बनवा दे. अगर कोई बीमार पड़ेगा तो अस्पताल जाएगा लेकिन अगर किसी को मन की शांति चाहिए होगी तो आध्यात्मिक जगह पर जाएगा, उसे मंदिर की जरूरत होगी. हर इंसान को राम और रोटी दोनों ही चाहिए. आदमी को ईश्वर की प्रार्थना की भी जरूरत होती है.
इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि अगर तेजस्वी यादव को राम मंदिर से दिक्कत है तो वह तिरुपति क्यों गए थे ?
उन्होंने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने मंदिर को नहीं बनाया बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट और जनता के सहयोग से मंदिर को बनावाया गया है.
सुशील मोदी ने आगे इंडिया गठबंधन को चुनौती दे डाली. उन्होंने कहा कि अगर हिम्मत है तो जहा राम मंदिर बन रहा है अगर उनकी सरकार बनती है तो मस्जिद बनवा दीजिएगा. अस्पताल और मंदिर का अपना अलग-अलग महत्व है.