आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने हाल ही में परिणीति चोपड़ा से शादी की है. शादी को लेकर सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में खूब खबरें चल रही हैं. जिसमें शादी पर होने वाले खर्च को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं.
इससे पहले भी राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा मुसीबत में फंस चुके हैं. जहां हस्ताक्षर मामले में उन्हें राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था. उन्हें अपना सरकारी आवास टाइप-7 बंगला छोड़ने का आदेश दिया गया है.
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उनका बंगला खाली करने का पिछला निर्देश वापस ले लिया है. पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा है कि राघव चड्ढा को टाइप-7 बंगाल में रहने का विशेषाधिकार दिया गया था. अब वह उस बंगले में रहने का दावा नहीं कर सकते.
टाइप 7 बंगले और टाइप 6 बंगले में ज्यादा अंतर नहीं
3 मार्च को राज्यसभा सचिवालय ने चड्ढा को टाइप-7 बंगला खाली करने का आदेश दिया था. इसके खिलाफ आप सांसद कोर्ट पहुंचे थे. जहां उन्होंने कहा था, कि उनका कार्यकाल अभी 4 साल बाकी है. इसलिए उन्हें बंगले में रहने का अधिकार है.
दरअसल, दिल्ली में सभी सांसदों को सरकारी आवास मिला हुआ है. जिसमें कई तरह के बंगले हैं, उनमें से एक टाइप 6 है. जिसके साथ जुड़वां फ्लैट हैं. यह पांच बार के सांसद या पूर्व सीएम या राज्यपाल को आवंटित किया जाता है.
इस पूरे मामले पर राघव चड्ढा ने कहा है कि बीजेपी उन्हें परेशान कर रही है. टाइप 7 बंगले और टाइप 6 बंगले में ज्यादा अंतर नहीं है. उन्हें सीधे तौर पर निशाना बनाया जा रहा है. सबसे पहले यह प्रक्रिया सदन से निलंबन से शुरू हुई और बाद में यह आवास आवंटन निलंबन के रूप में हो रही है. इससे साफ है कि बीजेपी के खिलाफ मुखर होकर बोलने वाले सांसदों को हर तरीके से परेशान किया जा रहा है.