आईपीएस अधिकारी विवेक ठाकुर भ्रष्टाचार के एक मामले में निर्दोष पाए गए हैं. 2007 के बिहार कैडर आईपीएस को सरकार ने क्लीन चिट दी है. सरकार ने उनके खिलाफ निगरानी थाना इकाई में दर्ज केस वापस लेने की सहमति दे दी है. सरकार के संयुक्त सचिव रमाशंकर ने निगरानी न्यायालय पटना के विशेष लोक अभियोजन को पत्र लिखकर केस वापस लेने का आग्रह किया है.
बिहार के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और मुजफ्फरपुर के तत्कालीन एसएसपी पर 2018 में आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप लगा था. उनके सरकारी आवास पर निगरानी विभाग ने छापेमारी की थी. विभाग ने चार दिनों तक उनके आवास पर छापेमारी की थी. हालांकि टीम को कुछ खास हासिल नहीं हुआ था. लेकिन एक अवैध हथियार टीम के हाथ लगा था. इस दौरान विवेक ठाकुर के संबंधियों के घरों को भी टारगेट किया गया था.
विवेक ठाकुर के खिलाफ पटना में मामला दर्ज किया था, हालांकि उन्होंने शुरुआत से ही अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारते हुए झूठ बताया था. अपना पक्ष रखते हुए विवेक ठाकुर ने सरकार के सामने कई तथ्य भी प्रस्तुत किए थे. जिस पर गृह विभाग ने विधि विभाग से कानूनी सलाह मांगी थी. विधि विभाग के महाधिवक्ता से कानूनी सलाह मिलने के बाद सरकार ने दर्ज केस को वापस लेने की सहमति दी है.
इसी साल फरवरी में गृह विभाग ने विवेक ठाकुर को क्लीन चीट देते हुए विभागीय कार्यवाही बंद करने का आदेश दिया था. जिसके बाद केस वापस लेने की प्रक्रिया चल रही है. बता दें कि आईपीएस विवेक ठाकुर फिलहाल पुलिस अधीक्षक विधि व्यवस्था मुख्यालय के पद पर तैनात है.